8th Pay Commission: नया साल शुरू हो चुका है। आने वाले कुछ महीनों में राजस्थान के कर्मचारियों के लिए खुशी के दिन आने वाले हैं। सभी केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को आठवें वेतन का लाभ मिलने वाला है। जिससे मासिक वेतन में सीधे तौर पर 34 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने तुरंत प्रभाव से आठवें आयोग के गठन को हरी झंडी दे दी है। लेकिन राजस्थान के कुछ ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं, जिसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
राजस्थान के वे कर्मचारी जो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधीन काम कर रहे हैं, उन्हें आठवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा स्वायत्त निकायों के अधीन काम करने वाले कर्मचारी भी इसके लाभ से वंचित हो सकते हैं। वहीं, ग्रामीण डाक सेवक के सैलरी को भी पे आयोग में शामिल नहीं किया गया है। राजस्थान हाईकोर्ट के जजों को भी वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाएगा।
इसके बाद कहा जा रहा है कि आयोग इस साल के अंत तक अपनी सिफारिशें पेश कर देगा। जिसका असर अगले साल यानी 2026 तक दिखने की संभावना है। इसके साथ ही कर्मचारियों की मासिक वेतन वृद्धि में आठवें वेतन आयोग का लाभ मिलने की संभावना भी तय है। इसका लाभ राज्य के सेवानिवृत्त कार्मिक और उनके आश्रित भी उठा सकेंगे।
इन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा पे कमीशन का लाभ
आपको बता दें कि आठवें वेतन आयोग का लाभ राज्य के लगभग सभी सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा। इन सबके बीच बड़ी खबर यह है कि 8वें वेतन आयोग का लाभ राजस्थान के विभिन्न कर्मचारियों और वरिष्ठ पदों पर तैनात कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। जिनकी सूची लंबी है।
इनमें सार्वजनिक क्षेत्र, स्वायत्त निकायों और ग्रामीण डाक सेवक के अलावा राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल हैं। जानकारी हो कि इन सभी के लिए पहले से ही वेतनमान पर नियुक्तियां और वेतन बढ़ोतरी की जाती रही है। इन सबके चलते इन्हें स्वायत्त रखा गया है और वेतन आयोग से अलग श्रेणी में शामिल किया गया है।
वेतन आयोग का गठन और उसका उद्देश्य
आपको बता दें कि हर 10 साल बाद वेतन आयोग का गठन किया जाता रहा है। इसके गठन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। जो कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति का आकलन कर वेतन बढ़ोतरी की सिफारिश करती है। फिलहाल इन दिनों केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर मासिक वेतन दिया जाता है। इसका कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है।
ऐसे में आठवें वेतन आयोग के प्रभावी होने से सभी रैंक के कर्मचारियों के वेतन में भारी बढ़ोतरी संभव है। जानकारी के लिए बता दें कि देश के पहले वेतन आयोग का गठन साल 1946 में हुआ था। तब से लेकर अब तक देश में कुल सात वेतन आयोग गठित हो चुके हैं। इसका आखिरी गठन 2014 में हुआ था। जिसे सिफारिशों के बाद 2016 में केंद्र में लागू किया गया था। इसके अगले साल ही राजस्थान के कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल पाया था।
वेतन वृद्धि का पूरा गणित
मालूम हो कि 2016 में सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में भारी बदलाव हुआ था। इस समय कर्मचारियों की सैलरी में 23.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। इससे पहले छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। यानी इस लिहाज से भी आठवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सैलरी में 34 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
ऐसे में राजस्थान के एक सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है। आठवें वेतन आयोग का लाभ मिलने के बाद उनकी सैलरी में 34 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जो बढ़कर करीब 33,500 रुपये हो जाएगी। आपको बता दें कि फिलहाल हम सिर्फ एक कर्मचारी के बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं। इसके अलावा कर्मचारियों को महंगाई समेत अन्य भत्तों में 35 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी मिलेगी। इस हिसाब से आठवें वेतन आयोग का फायदा पेंशनर्स को मिलने वाली पेंशन में भी देखने को मिलेगा।