Udaipur Village: उदयपुर से थोड़ी ही दूर स्थित शिल्पग्राम एक अनूठा संस्कृतिक गांव है। शिल्पग्राम का मतलब होता है कारीगरों का गांव। यहां आपको ग्रामीण भारत की कला, शिल्प और जीवन शैली देखने को मिलेगी। शिल्पग्राम एक ऐसी जगह है जहां आपको ग्रामीण परिवेश को समझने के लिए एक बार जरूर जाना चाहिए।
शिल्पग्राम का इतिहास
इस गांव की स्थापना 1989 में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा ग्रामीण कार्यक्रम की पारंपरिक प्रथाओं को संरक्षित करने के लिए और उनका समर्थन करने के लिए की गई थी। जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ती जा रही है दुनिया से ग्रामीण शिल्प कौशल लुप्त होता जा रहा है।
क्या है यहां की खास बात
इस गांव में 26 मिट्टी की झोपड़ियां है जो चार अलग-अलग भारतीय राज्यों की स्थापत्य शैली और सांस्कृतिक तत्वों का प्रतिनिधित्व करने के उद्देश्य से डिजाइन की गई है। यें भारतीय राज्य हैं: राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात।
राजस्थान
यहां पर राजस्थान को समर्पित पांच झोपड़ियां हैं। इन झोपड़ियां को दर्पण और पारंपरिक राजस्थानी रूपांकनों से सजाया गया है।
महाराष्ट्र
यें झोपड़ियां काफी सादी लेकिन आकर्षक बनाई गई हैं। इनका डिजाइन काफी न्यूनतम और कार्यात्मक लेआउट के साथ बनाया गया है।
गोवा
इंडो पुर्तगाली शैलियों के मिश्रण से बनी गोवा की यें झोपड़ियां काफी रंगीन है और तटीय आकर्षण को दर्शाती हैं।
गुजरात
इन झोपड़िया को जटिल कलाकृतियों, कढ़ाई और चमकीले पैटर्न से सजाया गया है। यह राज्य के रंगों को उत्साह के साथ प्रदर्शित करती हैं।
संस्कृतिक प्रदर्शन और कार्यक्रम
यहां पर एक ओपन और एम्फीथियेटर भी है। इस थिएटर में 8000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इसका इस्तेमाल लोक नृत्य प्रदर्शन, आदिवासी संगीत शो और सांस्कृतिक उत्सवों के लिए किया जाता है। इसी के साथ इस गांव में एक वार्षिक उत्सव भी मनाया जाता है जो दिसंबर में आयोजित किया जाता है। इस वार्षिकोत्सव में देशभर से कलाकार अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए आते हैं।
कब आएं घूमने
यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का है। इन दिनों मौसम सुहावना होता है और यहां पर वार्षिक महोत्सव भी चल रहा होता है। यहां पर भारतीय वयस्क के लिए ₹30, भारतीय बच्चों के लिए ₹15 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹50 का टिकट लगता है। यहां आने के लिए आपको उदयपुर से लगभग 3 किलोमीटर पश्चिम में चलना होगा। यह जगह हवाला गांव के पास में है।
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