Rajasthan Government: राजस्थान की भजनलाल सरकार के द्वारा एग्री-स्टेक-डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना के अंतर्गत किसानों के कल्याण के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत प्रत्येक किसान को अपना एक डिजिटल पहचान पत्र बनाकर प्रदान किया जाएगा।
सरकार का प्रयास है कि किसानों को मिलने वाली सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से सीधे पहुंचे। इस दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से आगामी 5 फरवरी से आरंभ होने वाली है। इसमें राजस्थान के सभी किसानों का एक आधार लिंक्ड डिजिटल रजिस्टर तैयार किया जाएगा।
जानिए एग्री-स्टेक-डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना
यह परियोजना किसानों के लिए एक ऐसा इकोसिस्टम है, जिसमें किसानों को लगभग सभी सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल जाएंगी। इसके अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि फसल योजना, किसान क्रेडिट कार्ड सस्ता लोन, गुणवत्तापूर्ण कृषि उपकरण, देश की सभी बाजारों तक आसान पहुंच, स्थानीय सलाह के साथ-साथ इसमें सुरक्षित डाटा के आधार पर किसानों के भविष्य के लिए सरकार बेहतर योजनाएं ला सकेगी। एग्री-स्टेक योजना में सभी किसानों की जानकारी डिजिटली एक ही प्लेटफॉर्म पर एकत्रित होगी।
कैसे मिलेंगे लाभ
इस डिजिटल पहचान का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कृषि उत्पादों का विपणन, लाभार्थियों का सत्यापन और सभी किसान कल्याणकारी योजनाओं का नियोजन पूरी पारदर्शिता के साथ आसान हो जाएगा। इसके अंतर्गत किसानों की पहचान के लिए एक डिजिटल आईडी दी जाएगी, जो एक तरह से आधार कार्ड की तरह काम करेगी। इस आईडी में किसानों की सभी प्रकार की सूचनाएं एकत्र होंगी जैसे किसान की पहचान, उसका भूमि रिकॉर्ड, आय, बीमा, फसलों का विवरण तथा राजस्व का पूरा इतिहास दर्ज होगा।
17 फरवरी से लगेंगे कैंप
राज्य के सिरोही जिले की तहसीलों में इस योजना के तहत 5 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक कैंप लगाए जाएंगे। इसके तहत पहले चरण में प्रत्येक ऑनलाइन तहसील के एक एक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर कैंप का आयोजन होगा। फरवरी के दूसरे सप्ताह में 10-14 फरवरी तक ऑनलाइन तहसीलों की 2-2 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर कैंपों का आयोजन किया जाएगा। अंतिम चरण में 17 फरवरी से 31 मार्च तक शेष सभी ऑनलाइन तहसीलों की ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर कैंप चलते रहेंगे।
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