Ganaheda Village : राजस्थान का पुष्कर न सिर्फ अपने सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है बल्कि अपने जीवनशैली और धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। पुष्कर में एक ऐसा गांव मौजूद है जो अपने मिठास के लिए प्रसिद्ध है। इस गांव का नामकरण भी किसी खास वजह से ही हुआ है। गांव का गनाहेड़ा गांव है। जो पुष्कर में बसा हुआ है। बड़े पैमाने पर यहां गन्ने की खेती की जाती थी। जिस कारण से इस गांव का नाम गनाहेड़ा गांव पड़ा। पुष्कर क्षेत्र में यह गांव अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। गांव अपने शांत वातावरण और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। आज इस गांव में भले ही गन्ने की खेती कम हो गई है लेकिन इस गांव का नाम ज्यों का त्यों है।
गन्ने की खेती से पड़ा गांव का नाम
पहले यहां गन्ने को बड़े पैमाने पर उगाया जाता था। अरावली पहाड़ी के बीच में बस से इस गांव की मिट्टी बेहद उपजाऊ है और पानी के पर्याप्त साधन भी है जिस कारण से लोगों ने गन्ने की खेती प्रारंभ की। धीरे-धीरे खेती बड़े पैमाने पर की जाने लगी। यहां का गन्ना अपने मिठास के लिए प्रसिद्ध है। बाहर के कई व्यापारी सिर्फ पुष्कर में सिर्फ गन्ना की खरीदारी करने आते हैं। इसे गन्ने का खेत वाला गांव कहा जाता है।
गांव के नाम में बसी है गन्ने की मिठास
बहुत पहले यहां के किसानों के आय का मुख्य साधन गन्ने की खेती हुआ करता था। यहां गन्ने के रस से गुड़ भी बनाया जाता था। लेकिन अब धीरे-धीरे यहां गाने की खेती कम हो गई है। कृषि में कम मुनाफा या कई चुनौतियों के कारण यहां के किसानों ने गन्ने की खेती कम कर दी है। अब गिने चुने किसान ही गन्ने की खेती करते हैं। लेकिन गांव का नाम आज भी गन्ने के नाम पर ही है।
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