rajasthanone Logo
Anjani Temple Salasar: राजस्थान के सालासर में हनुमान जी का मंदिर स्थित है और उनके मंदिर पहुंचने से एक किलोमीटर पहले अंजनी माता का मंदिर होता है। लोगों का मानना है कि बजरंगबली से पहले अंजनी माता के दर्शन करना जरूरी होता है।

Anjani Temple Salasar: राजस्थान के सालासर में बालाजी मंदिर के बारे में तो आपने काफी सुना होगा और बहुत से लोगों ने दर्शन भी किए होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मंदिर मे लगभग एक किलोमीटर पहले हनुमान जी कि माता अंजनी का भी मंदिर है। कहा जाता है कि बालाजी में दर्शन करने से पहले भक्तों को अंजनी माता के मंदिर जाकर उनके दर्शन करना चाहिए।

यहां पर पूजा करने और प्रसाद चढ़ाने के बाद ही बालाजी के दर्शन के लिए आगे बढ़ना चाहिए। कहा जाता है कि अंजनी माता के पुत्र बजरंगबली के अंदर पांच देवताओं का तेज समाहित है और जो भी उनकी मां की पूजा करके उनके द्वार पर आता है, सालासर बालाजी उनसे काफी प्रसन्न होते हैं।

ऋषि के श्राप के कारण मिला वानरी का रूप

बता दें कि हनुमान जी की माता धरती पर क्यों आईं इसको लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। वहीं ये भी कहा जाता है कि अंजनी माता साधू के श्राप के कारण वानरी बनीं। इसको लेकर एक कथा काफी प्रचलित है। इसमें कहा जाता है कि अंजनी माता बचपन में काफी नटखट थीं। एक बार वे एक जंगल में खेलने गयी थी। उस समय वहां पर एक ऋषि तपस्या कर रहे थे। खेल-खेल मे अंजनी माता ने फल तोड़कर ऋषि के ऊपर फेंके। ऋषि की तपस्या भंग हो गयी और फिर ऋषि ने उन्हें श्राप दिया कि बंदरों कि तरह हरकतें कर रही हो, तो तुम वानरी बन जाओगी। कहा जाता है कि इसी श्राप के कारण अंजनि माता को वानरी का रूप मिला। 

दुर्वाशा ऋषि ने दिया था श्राप

वहीं दूसरी कथा को लेकर कहा जाता है कि अंजनी माता पिछले जन्म में एक अप्सरा थी। उस समय उनका नाम पुंजिकास्थली था। वो देवराज इंद्र की सभा में नृत्य किया करती थी। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय तीन अप्सराएं निकली थी। इनमें से एक थी पुंजिकास्थली, जो काफी खूबसूरत थी। एक बार दुर्वाशा ऋषि भी इंद्र की सभा में मौजूद थे।

इस दौरान पुंजिकास्थली ने ऋषि के साथ अभद्र व्यवहार किया था और इसी कारण दुर्वाशा ऋषि ने पुंजिकास्थली को वानरी बन जाने का श्राप दे दिया था। बाद में क्षमा मांगने पर ऋषि ने उन्हें माफ कर दिया और दया दिखाते हुए कहा कि तुम्हारे गर्भ से शिव जी के 11वें अवतार का जन्म होगा। इसके बाद तुम अपने असली रूप में आ जाओगी। इसके बाद उन्होंने धरती पर जन्म लिया और हनुमान की मां अंजनी बनी।

5379487