Bajre ka Khichda: आखा तीज बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। खासकर मेवाड़-मारवाड़ क्षेत्र में। इस त्यौहार में हजारों शादियां होती हैं लेकिन इसी के साथ यह त्यौहार अपने साथ पारंपरिक भोजन की एक मनमोहक खुशबू लेकर आता है। जिसमें सबसे ज्यादा खास है बाजरा खिचड़ा।
अक्षय तृतीया कब मनाया जाएगा
अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया त्यौहार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य से अनंत फल मिलता है। इसीलिए इसका नाम अक्षय है। अर्थात 'वह जो कभी कम ना हो'।
यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्म का भी है। इस दिन विवाह के साथ कोई भी पवित्र अनुष्ठान करने के लिए किसी ज्योतिषीय समय की आवश्यकता नहीं होती। इसीलिए इस दिन राजस्थान में हजारों शादियां होती है।
बाजरा खिचड़ा
इस समारोह के दौरान मेवाड़ के नागौर में हर घर में बाजरा खिचड़ा बनता है। यह मोती बाजरा और मूंग दाल से बनाया जाता है। हालांकि इसकी तासीर गर्म होती है लेकिन नक्षत्र पर यह व्यंजन मौसमी सेहत के प्रतीक के रूप में खाया जाता है। महिलाएं इस व्यंजन को प्रसाद के रूप में तैयार करती है। साथ ही यह व्यंजन स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि कहीं स्वास्थ्य लाभों के लिए भी पसंद किया जाता है।
क्या है बाजरा खिचड़ा के स्वास्थ्य लाभ
बाजरे में फाइबर, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इसी के साथ मूंग दाल में आयरन, जिंक, फास्फोरस और प्रोटीन होते हैं। यह व्यंजन पेट के लिए तो हल्का होता है लेकिन आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। जो लोग अपने वजन को कम करना चाहते हैं उनके लिए यह व्यंजन काफी फायदेमंद है। कैलोरी में काम होने के बावजूद भी यह पेट भरा होने का एहसास देता है।
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