Rajasthan Anti-Conversion Bill: 31 जनवरी से शुरू हुए राजस्थान के 16वीं विधानसभा के तीसरा सत्र में आज बजट सत्र की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही की शुरूआत सुबह 11 बजे से प्रशनकाल से हुई। इस दौरान भजनलाल सरकार की ओर से विधानसभा में नए धर्मांतरण विधेयक यानि 'दी राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन 2024' को पेश किया गया। इस बिल से प्रदेश में हो रहे जबरन या प्रलोभन से धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेंगी।
16 साल पहले प्रदेश में लाया गया था कानून
आपको बता दें कि इससे पहले साल 2008 में वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मान्तरण बिल को पेश किया गया था। लेकिन केंद्र में अटकने लगने के बाद इसे लागू नहीं किया जा सका। इस बिल के अनुसार अगर कोई इंसान अपना धर्म बदलकर शादी करता है तो न्यायालय द्वारा उस विवाह को अमान्य घोषित किया जा सकता है। इसके अलावा यदि कोई सहमति से अपना धर्म परिवर्तन करता है तो उसे 60 दिन पहले कलेक्टर ऑफिस में नोटिस देना होगा।
बिल से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें
1. राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 से राज्य में लव जिहाद और धर्मांतरण के नाम पर हो रहे गलत कार्यों पर रोक लगेगी।
2. ज़बरन धर्मांतरण करने पर आरोपी को मिलेगी 3 साल की सजा
3. झारखंड, गुजरात व कर्नाटक में पहले से लागू है धर्मांतरण क़ानून
4. कानून के अनुसार जबरदस्ती, लालच या बहला-फुसलाकर किए गए धर्मपरिवर्तन पर पीड़ित को 5 लाख रुपए तक मुआवजा देना होगा।
5. यदि कोई व्यक्ति जबरन या फिर पैसे देकर किसी से शादी करता है तो कोर्ट द्वारा उसे अमान्य घोषित किया जा सकेंगा। साथ ही अगर पीडित महिला या फिर नाबलिग है तो आरोपी को 2 से 10 साल की सजा होगी। साथ ही 25 हजार रूपए जुर्माना देना होगा।
6. एक से ज्यादा बार अपराध करने पर आरोपी को दो गुना सजा दी जाएगी।
7. जबरन धर्म परिवर्तन करने में मदद करने वालों को भी इस कानून के तहत अपराधी माना जाएगी।
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