Rajasthan Agriculture: शर्दी का मौसम है और ऐसे में कहीं कोहरा तो कहीं धूप या धुंध नजर आ रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में किसान अपनी-अपनी फसल के मुताबिक मौसम की आस लगाए बैठे हैं। गेंहू की खेती कर रहे किसान हल्की बारिश के साथ ठंडा मौसम चाहते हैं, ताकि फसल अच्छी हो। वहीं सरसो की खेती वाले साफ मौसम की लालसा लिए बैठे है।
इन सबसे इतर पाला और शीतलहर का कहर भी है जो फसलों की उपज को प्रभावित कर सकता है। राजस्थान सरकार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पहले ही अलर्ट हो गई है। राजस्थान के किसानों को कुछ अहम उपाय सुझाए गए हैं जिसके सहारे वे अपनी फसल को पाला और शीतलहर से बचा सकते हैं।
किसानों के लिए जारी हुआ निर्देश!
राजस्थान सरकार ने मौसम की स्थिति को देखते हुए कुछ खास निर्देश जारी किए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि किसानों की फसलों को पाला और शीतलहर से बचाया जा सके। भजनलाल सरकार का कहना है कि किसान अपनी फ़सल को पाला से बचाने के लिए गंधक के तेजाब का 0.1% यानी कि एक हजार लीटर पानी में एक लीटर सान्द्र गंधक तेजाब का घोल तैयार कर छिड़काव करें। वहीं सब्जी से सम्बंधित फसलों को टाट, पॉलीथिन या भूसा से ढंक दें ताकि भूमि का तापमान फसलों के अनुकूल रहे।
इससे फसलों को पाला और शीतलहर के प्रकोप से बचाया जा सकता हैं। राजस्थान सरकार की ओर से किसानों से अपील की गई है कि इन उपायों को आवश्यकतानुसार अवश्य अपनाएं ताकि फसलों की सुरक्षा की जा सके। जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान में कृषि क्षेत्र एक प्रमुख आय का स्रोत है जिसपर राज्य की जनता निर्भर है। यही वजह है कि भजनलाल सरकार किसानों को फसलों की सुरक्षा करने और उपज को पाला व शीतलहर से बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय सुझा रही है। ऐसा करने पर किसान आर्थिक नुकसान से बच सकेंगे और सशक्त हो सकेंगे।
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