rajasthanone Logo
Alwar Pet Rules: प्रदेश में पालतू जानवरों को पालने का एक शौंक बन चुका है, जहां अधिकारी और नेता जानवरों के जानवर रख रहे हैं। लेकिन रजिस्ट्रेशन बहुत कम ही लोग करवा रहे है।

Dog Ownership Registration: पांच साल हो गए जब प्रदेश में पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया गया था, लेकिन अलवर नगर निगम में किसी भी प्रकार के पालतू जानवर का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है।

डॉग सेंटर्स पर 1 महीने में 3000 से ज्यादा डॉग्स को टीके लगाएं जा रहे हैं और बालों की कटिंग से लेकर अन्य परामर्श भी कराए जा रहे हैं।अलवर नगर निगम में न तो कोई संपर्क करता है और न ही निगम किसी पर कोई कारवाई करता है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि डॉग्स की खतरनाक प्रजाति पिटबुल भी अलवर जिले पाली जाती है। 

जानवरों का रजिस्ट्रेशन जरूरी

पांच साल पहले प्रदेश में एक नियम लागू किया गया था, जिसका नाम 'प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स नियम 2017 व 2018 था। इस नियम के बाद निगम में जानवरों का रजिस्ट्रेशन जरूरी कर दिया गया था।

जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने भी प्रदेश के डॉग्स ब्रिडर्स और पेट शॉप का पंजीकरण भी अनिवार्य कर दिया था। नगर निगम को आदेश दिए गए हैं कि पालतू जानवरों के रजिस्ट्रेशन करें। साथ ही को पंजीकरण नहीं करवाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। 

अधिकारियों को भी चढ़ा है डॉग्स, बिल्लियां पालने का शौंक

अब तो आम आदमियों के अलावा अधिकारी और नेता भी डॉग्स और बिल्लियां पाल रहे हैं। शौंक के तौर पर यह काम किया जा रहा है। नेता या अधिकारी भी पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं। नगर निगम को जल्द ही रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अभियान चलाना पड़ेगा। जिसके बाद रजिस्ट्रेशन होने भी शुरू हो जाएंगे और लोग सावधानी भी बरतेंगे। 

प्रदेश में 13 लाख पालतू जानवर

राजस्थान में लगभग 13 लाख पालतू जानवर हैं। जिनका पंजीकरण ग्राम पंचायतों, नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगमों में हुआ है। इस काम के लिए लाइसेंस दिया जाता है। प्रदेश के अलवर जिले में तकरीबन 3000 से ज्यादा पालतू डॉग्स हैं। साथ ही 500 से 600 के बीच बिल्लियां भी हैं। डॉग्स मालिकों को भी वैक्सीन लगवाने के अलावा कईं सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है। 

रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों को जागरूक करना होगा

राजू सिंह (डॉग्स सेंटर संचालक) कहते हैं कि शहर में कईं बड़े बड़े डॉग्स सेंटर्स चल रहे हैं। जहां पर हर महीने लगभग 3000 डॉग्स कईं कारणों से लाए जाते हैं। हमने भी लोगों की सलाह दी है कि अपने पेट का रजिस्ट्रेशन जरूर करवा लें। 

कमल मीणा (पशु पकड़ गैंग प्रभारी, नगर निगम) कहते हैं कि हमारे पास पालतू डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कोई नहीं आता है। जीव जंतु कल्याण बोर्ड या पशुपालन विभाग में आ सकते हैं।

यह भी पढ़ें - Deoda Village Chittorgarh: राजस्थान के इस गांव को छोड़ कर चले गए सभी ग्रामीण, नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए करेंगे यह काम

5379487