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Dausa Tourism place: राजस्थान का एक छोटा सा जिला है दौसा, जो कि पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। अगर आप कम समय के लिए राजस्थान घूमने जाना चाहते हैं, तो यहां अवश्य जाएं।

Dausa Tourism Place: अगर आप भी दिवाली के छुट्टियों में परिवार या अपने दोस्तों के राजस्थान का कम समय में यात्रा करना चाह रहे हैं, तो दौसा का सैर जरूर करें। यह शहर बहुत छोटा है, लेकिन यह पर्यटकों का फेमस स्थान माना जाता है। यहां आप किलों घूमने के साथ-साथ ऊंट की सवारी का आनंद ले सकते हैं। इस जिले में कई सारे किले हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां राजस्थान के पौराणिक संस्कृति भी खूब दिखाई देती है। अगर आप भी यहां का यात्रा करने का सोच रहे हैं, तो जाने से पहले यहां के मुख्य स्थान और विशेषताएं जान लें। 

दौसा की हिस्ट्री

दौसा को 10 अप्रैल 1991 में जयपुर की तार तहसीलों सिकराय बसवा लालसोट से अलग करके एक जिला बनाया गया था, इसके बाद 15 अगस्त 1992 में सवाई माधोपुर की तहसील महुआ को दौसा जिले में जोड़ दिया गया। यह कभी राजपूतों का राजधानी हुआ करता था। इसके बाद यह आमेर और जयपुर को अपना मुख्यालय बना लिया था। इसके कुछ समय बाद लगभग 1562 में सम्राट अकबर मोइनुद्दीन चिश्ती की जियारत को गए और यहां उन्होंने कुछ समय बिताया। इसी दौरान उन्होंने कई सारे किलों का निर्माण करवाया, जो अभी पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध स्थान माना जाता है। 

दौसा के पर्यटक स्थल

चांद बावरी

चांद बावरी स्टेप वेल्स हैं, जिसका निर्माण लगभग 1900 साल पहले चौहान राजवंश के राजाओं ने करवाया था। यह एशिया महाद्वीप में सबसे पुराना स्टेप वेल्स है। इसमें एक ऐसा कुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। अगर आप भी वास्तुशिल्प प्रेमी हैं, तो आपको इसकी यात्रा करने के लिए एक बार जरूर जाना चाहिए। इस बावरी में एक सामान कई सारी सीढ़ियां बनी हुई है, इसलिए यहां आने वाले पर्यटकों भ्रमित हो जाते हैं। यहां हर रोज सैकड़ों लोग भ्रमण करने के लिए आते रहते हैं। 

हर्षत माता मंदिर 

यह मंदिर चांद बावरी के बगल में स्थित है, जो काफी प्रसिद्ध मंदिर मानी जाती है‌‌। जो कि भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर स्थानीय देवी हर्षत माता को समर्पित है। आपको बता दें कि यह बहुत पुराना मंदिर है, इस मंदिर को इस्लामिक शासकों द्वारा नष्ट कर दिया गया था। इसलिए अभी के समय में यहां पर सिर्फ खंडर ही बचें हुए हैं। इस स्थान पर अभी आपको एक भव्य खुले आंगन में स्तंभों और दीवारों पर नक्काशी के साथ अदभुद मूर्तियों को देखने को मिलेगी। लेकिन आप इन मूर्तियों के देखकर अंदाज लगा सकते हैं कि यह पुराने समय में कितना अद्भुत संरचना वाला मंदिर रहा होगा। वैसे इस मंदिर के प्रति लोगों की भावना आज भी है और यहां अभी भी सैकड़ों के संख्या में भक्त आतें है। 

माधोगढ़ किला 

यह किला राजस्थान के दौसा जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। माधोगढ़ किले का निर्माण जयपुर के राजा माधव सिंह ने करवाया था। यह किला सुंदर फूलों के खेतों की पृष्ठभूमि में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित होने के वजह से काफी प्रसिद्ध है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अभी इस किले को एक शाही होटल में बदल दिया गया है। यह होटल पर्यटकों को एक सुंदर आवास प्रदान कर रहा है। 

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

 भारत के प्रसिद्ध हिन्दू मंदिरों में से एक मेहंदीपुर बालाजी मंदिर है, जो राजस्थान के दौसा में स्थित है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है। इस मंदिर की इतना लोकप्रियता है कि हर साल दूर-दूर से इस मंदिर भक्त आते रहते हैं। इस मंदिर में हनुमान जी को ही बालाजी के रूप में भी जाना जाता है। आपको बता दें कि इस मंदिर के सामने एक मंदिर ओर है जो सियाराम को समर्पित है। इस बालाजी मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि भगवान अपने भक्तों को बुरी आत्माओं और परेशानी से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं। 

दौसा घूमने का समय

मुख्य रूप से राजस्थान के कोई भी जगह ठंड के मौसम में यानि की नवंबर से मार्च के बीच घूमने का जगह है। आप दौसा को भी इस मौसम में ही घूमने के लिए आ सकतें है। यह सबसे बेस्ट समय माना जाता है।

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