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Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें वार्षिक उर्स के मौके पर रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से चादर पेश की गई।

Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज का 813वां वार्षिक उर्स मनाया जा रहा है। इसी सिलसिले में देश के कई बड़े राजनेताओं ने अजमेर दरगाह पर चादर पेश की है। आज दोपहर में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से भेजी गई चादर पेश की गई। दिल्ली से भेजी गई इस चादर को लेकर दरगाह कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष मुनव्वर खान अजमेर पहुंचे। मुनव्वर खान की ओर से चादर पेश किए जाने के बाद रक्षा मंत्री का संदेश पढ़ा गया।

जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती जी के वार्षिक उर्स में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लोग अजमेर शरीफ पहुंचे हैं। उन्होंने ख्वाजा साहब के बताए रास्ते का जिक्र करते हुए कहा कि समाज में अमन-चैन और सद्भावना बनी रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने आपसी भेदभाव जैसी बुराइयों पर प्रहार किया और सभी धर्मों और संप्रदायों के श्रद्धालुओं को 813वें वार्षिक उर्स की शुभकामनाएं दीं।

एम फैक्टर को ठीक करने में जुटी बीजेपी 

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें वार्षिक उर्स के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर चढ़ाई गई। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पीएम ने अजमेर शरीफ पर चादर चढ़ाई हो। इससे पहले भी वह हर साल उर्स के मौके पर चादर चढ़ाते रहे हैं। लेकिन इस बार पीएम और फिर रक्षा मंत्री की ओर से चढ़ाई गई चादर का संदेश कई मायनों में अहम हो जाता है।

मालूम हो कि हाल ही में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ गलत बयानबाजी करने वालों को कड़ा संदेश दिया था। इस संबंध में भी राजनीतिक जानकारों का मानना ​​है कि अब भाजपा ने मुस्लिम विरोधी नीति के खिलाफ कमर कस ली है और चुनावी मौसम में जोर पकड़ रहे एम फैक्टर जैसे मुद्दों से निपटने की रणनीति में जुट गई है। इससे भाजपा के सबका साथ, सबका विकास के संदेश का असर अब समाज में दिखाई देगा।

मुस्लिम समुदाय का कांग्रेस से होता मोहभंग

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीते सालों में केंद्र की मोदी सरकार की लाभकारी योजनाओं ने मुस्लिम समुदाय को अपनी ओर आकर्षित किया है। इसका असर कांग्रेस के वोट बैंक में आई भारी गिरावट को देखकर समझा जा सकता है। हालांकि इस समुदाय का वोट बैंक स्थिर नहीं रहा है। जिसके चलते इसका फायदा सपा, बसपा, राजद, टीएमसी समेत अन्य राजनीतिक दलों को मिलता रहा है।

लेकिन 2014 के बाद से जब से केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी है, हर धर्म और जाति समूह ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों का समर्थन किया है। बीते सालों में केंद्र की एनडीए सरकार की विभिन्न लाभकारी नीतियों और योजनाओं से भाजपा मुस्लिम वोट बैंक को साधने में सफल रही है।

कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगता रहा है। लेकिन भाजपा सबको साथ लेकर चलने में सफल होती दिख रही है और इसका फायदा आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर देखने को मिलेगा।

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