Farmer News: राजस्थान के टेल क्षेत्र के पापड़ी, जाड़ला, लबान और बड़ाखेड़ा जैसे गांवों में किसानों को खेती करने में दिक्कत हो रही है। क्योंकि इन गांवों की नहरों में पानी ही नहीं आ रहा है। जिसको वजह से खेतों में खड़ी हुई गेहूं की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है। किसानों को इस दिक्कत का सामना कईं दिनों से करना पड़ रहा है और अब इस समय खेतों को सिंचाई के लिए पानी की जरूरत पड़ रही है। लेकिन पानी न होने के कारण किसानों को ट्यूबवेल के पानी से सिंचाई करनी पड़ रही है, जो काफी महंगा पड़ता है।
बंसी लाल मीणा (जल वितरण समिति मखीदा अध्यक्ष) बताते हैं कि नहर में पानी नहीं है और इस समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा। अगर नहरों में पानी छोड़ा जाता तो, किसानों की फसलों की सिंचाई अच्छे से हो पाती। लेकिन टेल क्षेत्र में पानी न आने के कारण किसानों की फसले बर्बाद होने लगी है। किसानों की पूरी साल की मेहनत जाया हो जाएगी। इसी समय बंसी लाल मीणा के साथ मुकेश सेवदा, हनुमान मीणा, गिरिराज मीणा, शंकर महावर, हेमराज पारेता इत्यादि भी मौजूद रहे।
किसानों ने विनिर्माण की मांग
नोताडा क्षेत्र की कापरेन ब्रांच की पहली माइनर नवनिर्मित नहर टेल क्षेत्र में जाकर क्षतिग्रस्त होने के बाद लटूर लाल मीणा (माइनर अध्यक्ष) CAD अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराते हैं। उनका कहना है कि नहर के क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी आखिर तक के क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिससे किसान नहर के विनिर्माण की बात कह रहे हैं।
टेल क्षेत्र की माइनरों में भी नहीं पहुंचा पानी
केशवराय पाटन ब्रांच के टेल क्षेत्र की जाड़ला माइनर और कापरेन ब्रांच की रामगंज, डगरिया, प्रतापगढ़ इत्यादि माइनरों में नहर का पानी सुचारू रूप से नहीं आ रहा है और किसानों को गेहूं और मेथी की फसलों की सिंचाई के लिए पानी को आवश्यकता पड़ रही है। लबान और डपटा के किसान बताते हैं कि अगर हमारे क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता होती है तो अब टेल क्षेत्र माइनरों का पानी गायब हो गया है। जबकि सर्दियों में तो नहरों में पानी प्रवाह सही चल रहा था। हमें सरकार सिर्फ समय पर पानी पहुंचाने का आश्वासन देती हैं।
अधिकारियों ने किसानों से छुपाई ये बातें
किसानों ने बताया कि हर क्षेत्र में नहरों में जल प्रवाह के लिए कुछ समयावधि तय करके रोटेशन बनाए गए हैं। लेकिन हमें इस बारे में कुछ बताया ही नहीं जाता और किसान सिर्फ असमंजस्य में रहते है कि नहर में आएगा भी या नहीं और आएगा तो कब आएगा। इसके अलावा कब तक पानी आएगा। हर बार की तरह इस बार भी अधिकारियों ने इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ लिया है।