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Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जन्मोत्सव की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। राजस्थान के सालासर नगरी में बालाजी मेले की भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। आईए जानते हैं पूजा विधि और अन्य मुख्य जानकारी।

Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जन्मोत्सव भारतवर्ष में अपार भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। इस बार 2025 में यह त्यौहार 12 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। हनुमान जयंती को लेकर राजस्थान के चुरू जिले के सालासर नगरी में बालाजी मेले की तैयारी शुरू हों गई हैं। आईए जानते हैं हनुमान जयंती के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भोग के बारे में। 

हनुमान जयंती के लिए पूजा विधि 

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने दिन की शुरुआत करें। दरअसल हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था। इसके बाद अपने घर की सफाई करके उसे गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद स्नान करने के बाद अपने घर के मंदिर में या फिर हनुमान जी के मंदिर जाकर पूजा अर्चना करें। इसके बाद हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। उसके बाद हनुमान जी को चमेली का तेल लगाए। इसके बाद फूल, अगरबत्ती, दीप और पान का प्रसाद बनाकर अनुष्ठान करें। पूजा के लिए आप हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और हनुमान आरती का पाठ कर सकते हैं। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं और प्रसाद बांटें।

क्या है पूजा का सटीक समय 

हनुमान जयंती 2025 की पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को सुबह 3:21 मिनट पर शुरू हो जाएगी। यह तिथि 13 अप्रैल को सुबह 5:51 पर समाप्त होगी। 

हनुमान जी के मंत्र 

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा
ॐ हं हनुमते नमः
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा


अनुष्ठान प्रसाद और पारंपरिक भोग

हनुमान जी को सिंदूर लाल कपड़े फल और सबसे खास तौर लड्डू अति प्रिय है। जानते हैं क्या क्या भोग बना सकते हैं:

बूंदी के लड्डू: बेसन, काजू-किशमिश, केसर और थोड़ी इलायची से बनी स्वादिष्ट मिठाई।

मीठी बूंदी: यह मिठाई बेसन, खाने के रंग और चीनी की चाशनी के इस्तेमाल से बनाई जाती है।

बेसन के लड्डू: इस मिठाई को भुने हुए बेसन के साथ पाउडर चीनी को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें इलायची को मिलाते ही इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। 

केसरी जलेबी: इसका बैटर दहीं और आटे से तैयार किया जाता है। उसके बाद उसे डीप फ्राई किया जाता है। इसके बाद उसे गोल आकार की जलेबी को केसर युक्त चीनी की चाशनी में भिगोया जाता है।

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