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Hanuman Temple Bajrang Garh: राजस्थान के बजरंग गढ़ में हनुमान जी के एक मंदिर में रामू नामक एक बंदर भगवान की पूजा करता है। वो भक्तों के तिलक लगाता है, प्रसाद बांटता और साथ ही भजनों में घंटियां और झांझ भी बजाता है।

Hanuman Temple Bajrang Garh: ये बात तो आप सभी जानते होंगे कि हनुमान जी और राम जी के अधिकतर मंदिरों के आसपास बंदरों का झुंड रहता है, लेकिन क्या आपको पता है कि राजस्थान में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी का पुजारी कोई इंसान नहीं बल्कि एक बंदर है। राजस्थान के बजरंगगढ़ में हनुमान जी के मंदिर का पुजारी एक बंदर है। वह सुबह शाम मंदिर कि देखभाल करता है और उनकी सेवा करता है। हनुमान जी को तिलक लगाना, प्रसाद चढ़ाना, आरती करना और भक्तों को दर्शन देना, ये बंदर का रोजाना का काम है। 

बंदर करता है हनुमान जी की पूजा

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बंदर भगवान को तिलक लगाता है, प्रसाद चढ़ाता है। आरती के समय मंदिर में रखी घंटियां और झांझ बजाता है। भजन आदि होने पर नृत्य भी करता है। इसके अलावा अगर मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ होता है, तो वह चुपचाप वहां बैठकर ध्यान लगाता है। इस बंदर का नाम रामू है और ये मंदिर राजस्थान के अजमेर के बजरंगगढ में स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी का मुंह खुला हुआ है। लोगों का मानना है कि यहां चढ़ाया जाने वाला प्रसाद हनुमान जी खुद ग्रहण करते हैं। रामू को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिलता है।

श्रद्धालु रामू को मानते हैं शुभ

यहां रोजाना और लगातार आने वाले श्रद्धालु रामू से काफी प्यार लरते हैं। मंदिर के चौकीदार ओमकार सिंह से रामू का काफी लगाव है। ओमकार सिंह ने रामू को लेकर बताया कि 8 साल पहले रामू एक मदारी को छोड़कर यहां आया था। उस समय रामू कि तबियत काफी खराब थी और वो मंदिर में इधर-उधर घूम रहा था। उस दौरान ओमकार ने रामू कि मदद की और उसकी देखभाल की।

उसके बाद से दोनों में गहरी दोस्ती होगयी। वहीं भक्तों का मानना है कि रामू इस मंदिर के लिए बहुत शुभ है क्योंकि जब से रामू यहां आया है, उन्हें काफी फायदा हुआ है। उनका मानना है कि रामू बालाजी के रूप में इस मंदिर में आया है। इस मंदिर में रामू को पूजा करता देखने के लिए काफी लोग यहां आते हैं और दंग रह जाते हैं।

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