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Rajasthani Special Fruit:  केर अपनी पोषकता और औषधीय गुणों के कारण आज काजू-बादाम को भी मात दे रहा है। आइए जानते हैं इसे खाने के फायदे।

Rajasthani Special Fruit: राजस्थान की भूमि अपनी विशिष्ट वनस्पतियों के लिए जानी जाती है, और इसी की देन है "केर" का फल। छोटे-छोटे हरे रंग का यह फल अपनी पोषकता और औषधीय गुणों के कारण आज काजू-बादाम को भी मात दे रहा है। राजस्थान के मरूस्थलीय क्षेत्रों में यह आसानी से उगने वाला पेड़ अपने बहुमुखी लाभों के कारण आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

केर के फल का उपयोग और विशेषताएं

केर के फल का इस्तेमाल कई रूपों में होता है, जैसे सब्जी, अचार और औषधि। इसके फल की तासीर ठंडी होती है, जो इसे विशेष औषधीय गुण प्रदान करती है। यह फल सूखा, पाउडर बनाकर या सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है और अपने स्वाद के लिए भी जाना जाता है। खासतौर पर राजस्थान के घरों में बनने वाली केर-सांगरी की सब्जी को अनोखे स्वाद के कारण खूब पसंद किया जाता है।

केर के औषधीय गुण और स्वास्थ्य लाभ

पोषक तत्वों का भंडार: केर में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर को आवश्यक खनिज और विटामिन मिलते हैं, जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं।

पाचन तंत्र के लिए लाभदायक-

केर का सेवन पाचन तंत्र को सुदृढ़ बनाता है। इसके फल का चूर्ण या सब्जी गैस, अपच जैसी समस्याओं में राहत दिलाने वाला माना जाता है। इसके सेवन से पाचन संबंधी कई समस्याओं में सुधार देखा गया है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक-

केर में मौजूद जिंक और अन्य खनिज तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इस फल का नियमित सेवन करने से शरीर विभिन्न बीमारियों के खिलाफ मजबूत होता है।

डायबिटीज नियंत्रित करने में सहायक-

केर की छाल से बने चूर्ण को मधुमेह रोगियों के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में सहायता मिलती है।

खांसी और कफ में राहत-

केर के डंठल से बने चूर्ण को सुबह खाली पेट लेने से खांसी और कफ जैसी समस्याओं में तुरंत आराम मिलता है। आयुर्वेद में इसे खांसी के लिए रामबाण इलाज माना गया है।

पेट की सफाई-

केर की छाल का चूर्ण पेट साफ रखने में सहायक होता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या से राहत मिलती है और पेट के अन्य विकारों का समाधान भी होता है।

केर का सेवन कैसे करें?

केर के पेड़ के फलों को पहले सूखा लिया जाता है। इसके बाद इसे चूर्ण के रूप में सुबह खाली पेट लिया जा सकता है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है और कई बीमारियों में राहत देता है। इसके अलावा केर का अचार और सब्जी बनाकर भी इसका स्वाद और स्वास्थ्य लाभ का आनंद लिया जा सकता है।

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