Jaipur Forts: संस्कृति और परंपराओं का देश भारत दुनियाभर में अपनी विविधताओं के लिए प्रसिद्ध है। खानपान से लेकर पहनावे और ऐतिहासिक धरोहरों तक, हर एक चीज का अपना अलग महत्व है। इसी विरासत का एक अनमोल हिस्सा है राजस्थान, विशेष रूप से इसकी राजधानी जयपुर। इसे पिंक सिटी या गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। यहां के किले और महल न केवल स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण हैं, बल्कि इतिहास के कई महत्वपूर्ण किस्सों को भी अपने में समेटे हुए हैं। जयपुर का दौरा करने पर इन तीन प्रमुख किलों को देखने का अवसर न छोड़ें।
आमेर का किला
जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित आमेर का किला भारत के सबसे भव्य किलों में से एक है। इस किले की शुरुआत 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह ने की थी, और इसे बनने में 100 साल का समय लगा। राजा जय सिंह प्रथम के शासनकाल में यह किला पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ। बलुआ पत्थरों से बना यह किला हिंदू और मुगल वास्तुकला का सुंदर मिश्रण है। इसकी दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी और शीशमहल यहां का मुख्य आकर्षण हैं। आमेर किला आपको एक अलग ही कालखंड में ले जाता है और इसे देखने हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं।
नाहरगढ़ किला
नाहरगढ़ किला अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है और यहां से पूरे जयपुर का शानदार दृश्य देखने को मिलता है। यह किला राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1734 में बनवाया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य शहर की सुरक्षा करना था। रात के समय जब पूरे शहर में रोशनी जगमगाती है, तब यहां से जयपुर का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। हालांकि, इस किले को लेकर कुछ रहस्यमय कहानियां भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस किले पर भूतिया साया है।
जयगढ़ किला
जयगढ़ किला अपनी मजबूती और विशेषता के लिए जाना जाता है। यह किला 18वीं शताब्दी में सवाई जय सिंह द्वितीय ने बनवाया था और इसका नाम उनके नाम पर रखा गया है। यह किला न केवल स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है, बल्कि एक समय यह जयपुर का सबसे मजबूत किला भी माना जाता था। यहां उस समय की दुनिया की सबसे बड़ी तोप रखी गई थी, जो किले की शान में चार चांद लगाती है। इस किले को लेकर एक रोचक कहानी यह भी है कि यहां एक खजाना छिपा हुआ है, जिसे अभी तक कोई भी खोज नहीं पाया है।