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Rajasthan Temple: राजस्थान के जोधपुर में एक मंदिर है, जहां मां दुर्गा की पूजा मुस्लिम परिवार द्वारा की जाती है।

Rajasthan Temple: भारत में मां दुर्गा के कई प्राचीन मंदिर हैं, जो अपने रहस्यों और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में एक अद्वितीय विशेषता यह है कि कुछ स्थानों पर मुस्लिम परिवार भी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के जोधपुर में स्थित है, जहां मां दुर्गा की पूजा मुस्लिम परिवार द्वारा की जाती है।

बागोरिया गांव का प्राचीन मंदिर

राजस्थान के जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र में बागोरिया नामक एक गांव है, जहां मां दुर्गा का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है और इसकी सेवा पिछले 13 पीढ़ियों से जलालुद्दीन खां का परिवार करता आ रहा है। इस मंदिर के पुजारी मुस्लिम हैं, और यह देखना वास्तव में हैरान करने वाला है कि यहां कई मुस्लिम श्रद्धालु भी मां दुर्गा की पूजा करते हैं।

चमत्कारिक अनुभव का इतिहास

इस मंदिर के पीछे की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि कई सदी पहले, जब जलालुद्दीन खां के पूर्वज सिंध से मालवा की ओर यात्रा कर रहे थे, तब उनके ऊंट बीमार हो गए। इस संकट में, उनके पूर्वज को एक रात सपने में माता रानी ने दर्शन दिए। माता रानी ने उन्हें पास के बावड़ी में स्थित प्रतिमा से भभूत निकालकर अपने ऊंटों को खिलाने का निर्देश दिया।

जमालुद्दीन खां ने माता रानी के कहे अनुसार भभूत दिया, और चमत्कारिक रूप से सभी ऊंट ठीक हो गए। इस चमत्कार को देखकर उनके पूर्वज ने वहां रुकने का निर्णय लिया और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने लगे। तभी से यह परंपरा इस मुस्लिम परिवार में चलती आ रही है।

पूजा की परंपराएं

इस परिवार के सदस्यों में जो भी पुजारी बनता है, वह नमाज नहीं पढ़ता, बल्कि पूजा-पाठ और उपवास करता है। इस परिवार में कुछ विशेष नियम भी हैं, जो पुजारी के लिए अनिवार्य हैं। पुजारी परिवार मंदिर परिसर में ही निवास करता है और दिन-रात मां दुर्गा की आराधना करता है।

यह मंदिर और इसका पुजारी परिवार धार्मिक सहिष्णुता और एकता का एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोग एक साथ आकर मां दुर्गा की पूजा करते हैं। यह दर्शाता है कि भक्ति और आस्था का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि यह केवल एक अंतर्मुखी अनुभव है, जो सभी को जोड़ता है।

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