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Ker Sangri: राजस्थान की अनोखी परंपराओं और अनूठे स्वाद को दर्शाती केर सांगरी की सब्जी खूब मशहूर है। आईए जानते हैं क्या है इस सब्जी का इतिहास और कैसे बनाएं इसे घर पर ही।

Ker Sangri:  राजस्थान अपनी अनोखी परंपराओं और शानदार व्यंजनों के लिए देश-विदेश में खूब मशहूर है। चाहे तीखा खाना हो या फिर मीठे व्यंजन, राजस्थान खान पान में कभी भी निराश नहीं करता। आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी सब्जी के बारे में जिसको खाने के बाद आप दुनिया के सारे व्यंजन भूल जाएंगे। हम बात कर रहे हैं राजस्थान की मशहूर सब्जी केर सांगरी की।

कैसे हुई इस सब्जी की उत्पत्ति 

इस सब्जी की उत्पत्ति धार रेगिस्तान की मिट्टी से हुई। इस सब्जी में इस्तेमाल की जाने वाली दो मुख्य सामग्री, केर (एक जंगली बेर) और सांगरी (खेजड़ी के पेड़ से निकलने वाला एक फल) कठोर जलवायु में पाई जाती है।  इन पौधों की खास बात यह होती है कि यह पौधे सुख में भी जीवित रह सकते हैं। इस सब्जी की उत्पत्ति की वजह भी यही है। दरअसल अकाल के समय रेगिस्तान में रहने वाले लोग इसी सब्जी का इस्तेमाल करते थे और पका कर खाते थे।  पहले जीवित रहने के लिए जरूरी इस सब्जी की विख्याति कुछ इस तरह फैली की आज यह सब्जी शाही थालियां और पारंपरिक दावतों में परोसी जाती है।

कैसे बनाएं यह सब्जी 

केर सांगरी को बनाने के लिए सबसे पहले आप सूखी सांगरी को गर्म होने के लिए 8 से 10 घंटे तक भिगोकर रखें। इसके बाद इसे तब तक उबालें जब तक की यह थोड़ी गल ना जाए। इसके बाद आप केर की कड़वाहट को दूर करने के लिए उसे कई बार धोएं। जब यह सामग्री तैयार हो जाए उसके बाद इन सब को शुद्ध घी में हींग, जीरा, हल्दी, धनिया पाउडर और साबुत लाल मिर्च के साथ तल लें।  इसे और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें अमचूर, गरम मसाला और थोड़ी सी क्रीम या फिर खोया भी मिला सकते हैं। 

प्रेशर कुकर में इस सब्जी को धीरे-धीरे पकाएं जिससे मसाले केर और सांगरी में अच्छे से मिल जाए।  अंत में कटा हुआ धनिया और कुछ किशमिश आप डाल सकते हैं। यह सब्जी सिर्फ एक व्यंजन ही नहीं है बल्कि यह राजस्थान की एक परंपरा है‌। इस सब्जी के खास बात यह है कि यह जल्दी ही खराब नहीं होती। आप इस लंबी यात्राओं के दौरान लेकर जा सकते हैं।

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