Food Security Scheme Rajasthan: राजस्थान खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए पिछले दिनों पोर्टल बंद कर दिया गया था। आवेदन की संख्या अधिक हो जाने के कारण निर्धारित तिथि से पहले ही पोर्टल को शासन की ओर से बंद कर दिया गया था। विभाग की ओर से एक बार फिर लाभार्थियों की सूची में नाम जोड़ने के लिए पोर्टल को खोल दिया गया है। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति अथवा परिवार को निर्धारित प्रपत्र(शहरी अथवा ग्रामीण) को भरकर आवेदन करना होगा।
इन श्रेणियों में भी कर सकते हैं आवेदन
आवेदन के समय व्यक्ति को ध्यान रखना होगा कि वह किस श्रेणी में लाभार्थी बनने हेतु नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर रहा है। उसे उचित ढंग से भरे। इन श्रेणियों में अंत्योदय धारक, बीपीएल धारक, स्टेट बीपीएल का कार्ड क्रमांक संख्या सीमांत कृषक, श्रमिक कार्ड तथा गैर सरकारी सफाईकर्मी होने के स्वतः हस्ताक्षरित दस्तावेजी साक्ष्य संलग्न करना अनिवार्य होगा। आवेदन के लिए लाभार्थी को राजस्थान खाद्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर अथवा ई-मित्र के माध्यम से ऑनलाइन कराना होगा। इसके बाद एक जांच कमेटी की अनुशंसा के बाद एक माह के अंदर अपीलीय अधिकारी अंतिम निर्णय लेते हैं।
नाम जुड़वाने के लिए यह करें
खाद्य सुरक्षा की लाभार्थी सूची में नाम जुड़वाने के लिए ई-मित्र के पास जाएं। वहां आवश्यक दस्तावेज जैसे राशन कार्ड के साथ उससे संबंधित मोबाइल नंबर लेकर जाएं। वह नंबर राशन कार्ड तथा जन आधार कार्ड में लिंक किया गया हो। साथ ही मोबाईल नंबर सक्रिय होना चाहिए ताकि उस पर ओटीपी रिसीव हो जाए। इसके अलावा अन्य दस्तावेजों में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र, खाद्य सुरक्षा प्रपत्र, पंचायत से जारी हुआ एफिडेविट साथ होना अनिवार्य रूप से आवश्यक है।
अपात्रता की शर्तें
इस सूरत में किसी व्यक्ति का आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। यदि-
• व्यक्ति आयकर दाता हो
• किसी भी प्रकार की सरकारी अथवा अर्ध सरकारी नौकरी से वार्षिक प्राप्त होने वाली पेंशन 1 लाख से अधिक न हो।
• कुल वार्षिक आय 1 लाख से अधिक न हो।
• ट्रैक्टर इत्यादि व्यवसायिक वाहन छोड़कर कोई चार पहिया वाहन न हो।
• नगर निगम अथवा नगर परिषद में 1000 वर्गफिट से अधिक का पक्का मकान न हो।
• नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्ग फिट से अधिक का पक्का मकान न हो।
• ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्ग फिट से अधिक में पक्का आवास न हो।
• निर्धारित सीमा से अधिक कृषि भूमि न हो।