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Rajasthan Politics: क्या आपने कभी सोचा था कि एक साधारण सूर्य नमस्कार को लेकर इतनी बड़ी हलचल मच सकती है? राजस्थान सरकार ने 3 फरवरी को सूर्य सप्तमी के दिन सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करना अनिवार्य कर दिया।

Rajasthan Politics: क्या आपने कभी सोचा था कि सूर्य नमस्कार को लेकर एक राज्य सरकार को इतना विरोध झेलना पड़ेगा। दरअसल राजस्थान सरकार ने कहा कि 3 फरवरी को जो सूर्य सप्तमी का दिन है, सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करना जरूरी होगा। सूर्य नमस्कार एक तरह का वर्कआउट होता है, जो हम शरीर को फिट रखने के लिए करते हैं। लेकिन यह आदेश आते ही पूरे राज्य में हलचल मच गई।

क्या सूरज की पूजा करना गलत है?

कई मुस्लिम संगठन और लोग इस फैसले से नाराज हो गए। उनका सवाल था, क्या सूरज की पूजा करना हमारे धर्म के खिलाफ है? मतलब, क्या सूर्य नमस्कार करना उनके धार्मिक विश्वासों के खिलाफ है? कुछ लोग मानते थे कि ये सिर्फ एक फिजिकल वर्कआउट है और इससे किसी भी धर्म का कोई लेना-देना नहीं है। पर कुछ लोगों को लगता था कि सरकार इससे लोगों के बीच धार्मिक फर्क बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

'सूर्य की रौशनी लेना छोड़ दें'

यह सब देखकर लोगों के मन में और भी सवाल उठने लगे कि क्या ये सिर्फ एक सांस्कृतिक काम यानी संस्कृति से जुड़ा हुआ काम है, या फिर सरकार का कोई बड़ा प्लान है? मुस्लिम संगठन के इस विरोध के बाद राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि जिसे सूर्य नमस्कार से दिक्कत हो रही है, व सूर्य की रौशनी लेना छोड़ दें।

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