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Bharatpur Dates : यहां के खेतों में खजूर के पेड़ अपने आप उगते हैं। जो कि पर्यावरण की दृष्टि से बेहद अनुकूल माना जाता है। इससे पर्यावरण भी संतुलित रहता है।

Bharatpur Dates : राजस्थान का भरतपुर अपने खान-पान पारंपरिक स्वाद के लिए जाना जाता है। घूमने के दृष्टिकोण से अपने पक्षी विहार ऐतिहासिक धरोहरों लिए जाना जाता है। यहां का पारंपरिक स्वाद और देसी खान पान हमेशा से मशहूर रहा है। इन दिनों भरतपुर बागवानी और कृषि को लेकर भी चर्चाओं में है। भरतपुर के जमीन को प्राकृतिक ने अनमोल उपहार से नवाजा है। यहां के खेतों में खजूर के पेड़ अपने आप उगते हैं। जो कि पर्यावरण की दृष्टि से बेहद अनुकूल माना जाता है। इससे पर्यावरण भी संतुलित रहता है। खजूर के पेड़ों को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती और नहीं पानी की अधिक आवश्यकता होती है। आने वाले दो तीन महीनों में ये खजूर पककर पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।

इस खजूर के आगे फीके हैं महंगे फल

खजूर पकने के बाद इसकी मिठास इतनी स्वादिष्ट होती है कि इसके आगे महंगे फल भी पीछे रह जाते है। यह फल इतना स्वादिष्ट होता है कि जब कोई इसे एक बार चखता है तो इस बार-बार चखने पर मजबूर हो जाता है। लोग इस खजूर को बड़े चाव से खाते हैं। अजब यह फल पेड़ो पर लदे होते है देखने में काफी सुंदर लगते हैं। 

स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभकारी 

भरतपुर के लोगों के जीवन के खान पान का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह खजूर स्वाद के साथ सेहत के लिए भी लाभदायक है। इसके अंदर नेचुरल सूगर,खनिज तत्व,विटामिन फाइबर जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाएं जातें हैं। शरीर को ऊर्जा देने के साथ–साथ पाचन संबंधी विकारों को भी दूर करता है। 

प्राकृतिक ने नवाजा अनमोल तोहफा 

भरतपुर के जमीन पर अपने आप उगने वाले ये खजूर एहसास दिलाते हैं की प्रकृति कितनी उदार है। यह खजूर भरतपुर के लिए एक अनमोल तोहफा है। जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के भरतपुर के जमीन पर उगता है।

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