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Nirmala Shekhawat Success Story: जोधपुर की निर्मला शेखावत अपने पति को खोने के बाद बिल्कुल अकेली हो गई थीं। कोविड-19 में लॉकडाउन के बाद उनकी जिंदगी बेहद खराब हो गई थी।

Nirmala Shekhawat Success Story: फरवरी 2020 की उस काली रात ने जोधपुर की रहने वाली निर्मला शेखावत से उनकी सारी खुशियां छीन ली। छोटी उम्र में शादी होने के बाद पति का सहारा था, लेकिन ब्रेन हैम्रेज के कारण उनकी भी मौत हो गई थी।

पति के मौत के बाद उनके जीवन में जैसे मुश्किलों का तूफान आ गया। निर्मला ने इन चुनौतियों से लड़ते हुए सफलता की शानदार कहानी लिख दी। 12वीं तक पढ़ीं निर्मला आज पारंपरिक राजस्थानी स्नैक्स के जरिए आसपास की महिलाओं के लिए भी एक मिसाल बन गई हैं।

इन महिलाओं को रोजगार दे रही हैं निर्मला

निर्मला ‘मारवाड़ी मनवार’ के तहत 30 महिलाएं काम कर रही हैं। अपनी टीम के साथ मिलकर वह अचार, पापड़ और अन्य व्यंजनों का स्वाद लोगों तक पहुंचा रही है। शुरुआती दिनों में लोगों ने उन्हें खूब ताने दिए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बिना किसी की परवाह किए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ती रहीं। निर्मला ने बताया था कि मुश्किल के वक्त में उनकी मां, भाई और भाभी ने इस काम में उनका बहुत सपोर्ट किया जिस वजह से वे ये मुकाम हासिल कर पाईं।

निर्मला की मां राजस्थानी खाना काफी टेस्टी बनाती थीं। उनके इसी टैलेंट के उनकी बेटी निर्मला बड़े स्तर पर लेकर गई और देशभर में अपना नाम रौशन किया। निर्मला का कहना है कि वह इन व्यंजनों को हाथ से बनाती हैं। इसके लिए उन्होंने कभी आर्टिफिशियल सामग्री या केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया। शायद यही वजह है कि लोग उनके व्यंजनों को खूब पसंद करते हैं। 

महिलाओं को सशक्त करना है उद्देश्य 

निर्मला के पास कोई फैक्ट्री नहीं है, लेकिन उनके पास मेहनती महिलाओं की टीम है। वह अपनी टीम के साथ पारंपरिक व्यंजन बनाती हैं, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं। निर्मला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मेरा उद्देश्य महिलाओं को सशक्त करना है।

उन्हें रोजगार देकर आर्थिक रूप से मजबूत करना है। उनका मानना है कि महिलाएं जब घर से बाहर निकलकर अपने दम पर पैसे कमाती हैं, तो वह आर्थिक रूप से मजबूत बनती हैं। इसलिए वह आए दिन महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने की कोशिश करती रहती हैं। 

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