Rajasthan police Holi boycott: राजस्थान के कईं जिलों में पुलिस प्रशासन ने होली पर्व का बहिष्कार कर दिया है। राजस्थान पुलिस वेतन विसंगति और प्रमोशन को लेकर काफी परेशान है। सरकार की तरफ से वेतन विसंगति और प्रमोशन को नजर अंदाज किया जा रहा है, इसलिए प्रदेश की पुलिस ने इस बार होली खेलने से इनकार कर दिया है।
जिलों के थानों में पहले रंग गुलाल उड़ते दिखाई देते थे, लेकिन इस बार थानों में सन्नाटा पसरा पड़ा है। हालांकि कुछ जगह पुलिस प्रशासन पूरी तरह से होली खेलता नजर आ रहा है। जानकारी के अनुसार जयपुर, उदयपुर, अजमेर, राजसमंद और हनुमानगढ़ जिले की पुलिस ने होली नहीं खेली। हर बार जहां पुलिस स्टेशनों में गाजे बाजे के साथ होली खेली जाती थी, वहीं इस बार पुलिस स्टेशनों में गुलाल तक नहीं उड़ा।
कहीं बहिष्कार तो, कहीं खेली गई होली
कईं जिलों की पुलिस से पारंपरिक रूप से होली खेली। भरतपुर और करौली के SP समेत पुलिसकर्मियों ने जमकर होली खेली। इसके अलावा कईं जिलों की पुलिस ने होली का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर दिया। वैसे तो पुलिस की ओर से होली खेलने का कोई आधिकारिक बहिष्कार नहीं किया गया था, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के कईं जिलों की पुलिस ने होली खेलने से इनकार कर दिया। प्रदेश के कांस्टेबल पद से इंस्पेक्टर पद के अधिकारियों ने इस बहिष्कार का समर्थन किया।
पुलिस अधिकारियों की ये हैं मांगे
पुलिस अधिकारियों की मुख्य मांग वेतन विसंगति और प्रमोशन है। पुलिसकर्मियों का कहना है कि अन्य विभागों के जैसे ही पुलिस विभाग में भी समय पर DPC से प्रमोशन होना चाहिए। कांस्टेबल के बाद हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल के बाद ASI, ASI के बाद SI और SI के बाद CI बनने की विभागीय प्रकिया (DPC) समय अनुसार होनी चाहिए।
साथ ही प्रदेश के अन्य विभागों की तुलना में पुलिसकर्मियों का वेतन बहुत कम है। जैसे पटवारी और कनिष्ठ लिपिक को बेहतर प्रमोशन के बाद अच्छा ग्रेड पे मिलता है, उसी प्रकार पुलिसकर्मियों को भी मिलना चाहिए। पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बहुत ही सख्त और लगातार होती है। इसके अलावा हर त्यौहार पर पुलिस की ड्यूटी रहती है। लेकिन अन्य विभागों की तुलना में पुलिस विभाग में वेतन की संरचना और प्रमोशन प्रक्रिया बहुत बेकार है।
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