Bikaner History: राजस्थान का नाम आते ही मन में शाही ठाठ, रंगीन संस्कृति और लोक कला का विचार उभर आता है। इस रेगिस्तानी राज्य की खूबसूरती न केवल इसके राजमहलों और किलों में बसी है, बल्कि यहां की जीवंत परंपराओं और लोक कलाओं में भी झलकती है। राजस्थान के इन्हीं अनमोल रत्नों में से एक है बीकानेर, जिसे राजपूत शासकों ने अपनी वीरता और कला के संरक्षण से अनमोल धरोहर बना दिया है।
बीकानेर का ऐतिहासिक महत्व
बीकानेर की स्थापना 1486 में राव जोधा के पांचवे पुत्र राव बीका द्वारा की गई थी। राव बीका को करणी माता का आशीर्वाद प्राप्त था, जिनकी कृपा से उन्होंने इस नगर की नींव रखी। बीकानेर की स्थापना के पीछे एक रोचक कहानी है। यह क्षेत्र पहले "जंगलदेश" के नाम से जाना जाता था, जो वीर राजपूतों के अधीन था। राव बीका ने इस भूमि को नेहरा जाट से लिया, जिन्होंने इस शर्त पर जमीन देने का वादा किया कि नगर का नाम उनके नाम से जोड़ा जाएगा। इसी कारण इस स्थान का नाम 'बीकानेर' पड़ा।
शाही ठाठ और किलों का निर्माण
बीकानेर, अपने भव्य किलों और शाही हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है। राव बीका ने 1478 ई. में इस क्षेत्र में एक मजबूत किला बनवाया था, जो आज 'जूनागढ़ किले' के नाम से जाना जाता है। जूनागढ़ किला बीकानेर की शान है, जिसका स्थापत्य और मजबूत संरचना हर आने वाले पर्यटक को आकर्षित करती है। इस किले के निर्माण के बाद बीकानेर व्यापार और वाणिज्य का प्रमुख केंद्र बन गया। थार रेगिस्तान के बीच में स्थित बीकानेर एक नखलिस्तान की तरह कार्य करता था और गुजरात तट से मध्य एशिया तक जाने वाले व्यापारिक मार्ग पर स्थित था।
कला और संस्कृति का संरक्षण
बीकानेर न केवल अपने शाही ठाठ-बाठ के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की कला और संस्कृति भी समृद्ध है। राजपूत शासकों ने न केवल किलों और महलों का निर्माण कराया, बल्कि उन्होंने यहां की पारंपरिक लोक कलाओं को भी संरक्षित किया। बीकानेर की हवेलियां, राजमहल और मंदिर इसकी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। यहां की शाही हवेलियां intricate नक्काशी और पारंपरिक स्थापत्य कला का जीवंत उदाहरण हैं, जो इस शहर की ऐतिहासिक महत्ता को और अधिक प्रकट करती हैं।
बीकानेर दिवस
बीकानेर की स्थापना के दिन को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को बीकानेर दिवस के रूप में भी जाना जाता है, जो शहर की समृद्ध विरासत और गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है। बीकानेर के लोग इस दिन को उत्साह के साथ मनाते हैं और यहां की सड़कों पर उत्सव का माहौल रहता है।