Rajasthan Birth and Death Registration: लोगों के काम आसानी से हो सके इसके लिहाज से राजस्थान में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव किया गया है। इन नए नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए गये हैं। जिसके तहत अब मृत्यु की 30 दिनों के बाद 1 वर्ष के भीतर की घटना के लिए जारी की जाने वाली अनुमति ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी द्वारा सूचित की जाएगी।
यह जानकारी आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक डॉ. सुदीप कुमावत ने दी है। साथ ही कहा है कि जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 (संशोधित) 2023 के क्रम में राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2000 (संशोधित) 2025 अधिसूचना का राजस्थान राजपत्र में प्रकाशन के बाद विधानसभा के पटल पर रखी गयी है। जिसके बाद इसमें प्रमुख संशोधन किये गये हैं।
आमजन को होगी सुविधा
कुमावत ने यह भी कहा कि जन्म-मृत्यु अधिनियम में संशोधन लागू होने से प्रमाण पत्र तय समय में जारी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे आमजन परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और उन्हें सुविधा होगी। इसके बाद उन्होंने कहा कि इससे शत प्रतिशत जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन होगा और ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालयों को मजबूती भी मिलेगी।
कितनी लगेगी पेनल्टी
नवीनतम संशोधन के तहत वर्तमान में जन्म या मृत्यु की घटना की सूचना 21 दिनों के बाद रजिस्ट्रार को देने पर 1 रुपये पेनल्टी लगती थी। वहीं अब इस संशोधन के बाद यदि घटना की जानकारी 21 दिनों के बाद लेकिन 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार को दी जाती है तो 20 रुपये विलम्ब पेनल्टी देना होगा।
यदि घटना की सूचना 30 दिनों के बाद लेकिन वर्ष के भीतर दी जाती है तो 50 रुपये तक का पेनल्टी लगेगी।साथ ही अगर घटना की सूचना 1 वर्ष बाद दिए जाते है तो 100 रुपये तक की पेनल्टी ली जाएगी। वहीं इस प्रावधान में 21 दिनों से अधिक देरी किये जाने पर या सूचना समय पर नहीं देने पर,अब 250 रुपये एवं अधिकतम एक हजार रुपये के जुर्माने का पेनल्टी किया गया है।
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