Rajasthan Coaching Regulation Bill: राजस्थान में कई ऐसे जिले हैं जहां कई कोचिंग सेंटर चलाए जाते हैं। जिसमें एक कोटा जिला भी है जो कोचिंग हब के रूप में जाना जाता है। यही कारण है कि प्रदेश में कई राज्यों से छात्र पढ़ने आते हैं। लेकिन कोटा जैसे शहरों में इन दिनों छात्रों के आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिससे राजस्थान सरकार भी परेशान है। अब भजन लाल सरकार प्रदेश में जल्द ही कोचिंग सेंटर्स के रेगुलेशन के लिए बिल लाने जा रही है। हालांकि सरकार ने इसकी स्पष्ट गाइडलाइन का खुलासा अभी नहीं किया है।
काउंसलर की नियुक्ति अनिवार्य
चिकित्सा शिक्षा मंत्री गजेंद्र खींवसर ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी। विधानसभा में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स फॉर रेगुलेशंस ऑफ़ कोचिंग सेंटर के तहत प्रत्येक कोचिंग सेंटर में एक काउंसलर की नियुक्ति अनिवार्य है। इसी के तर्ज पर प्रदेश में कोचिंग सेंटर्स के रेगुलेशन के लिए गाइडलाइन्स का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है जिसका बिल जल्द ही पेश किया जाएगा।
आत्महत्या के मामलों को किया जाएगा नियंत्रित
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोटा में हो रहे आत्महत्या के मामलों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में 105 साइकोलॉजिस्ट एवं 270 काउंसलर की स्वीकृति प्रदान की गई है। चिकित्सा विभाग द्वारा संचालित टेली मानस हेल्पलाइन नंबर 1889 एवं 14416 के माध्यम से भी प्रदेश के युवाओं को मानसिक स्वास्थ्य की सेवाएं प्रदान की जा रही है। इस हेल्पलाइन नंबर पर पिछले डेढ़ साल 27 हजार कॉल्स प्राप्त कर उनकी काउंसलिंग की गई है।
पिछले एक साल में कोटा में कितने छात्रों ने की आत्महत्या
पिछले एक साल में कोटा में पढ़ने वाले 19 छात्रों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए नवीन चिकित्सालय कोटा में स्थित सॉइकोलोजिकल काउंसलिंग सेंटर में 1 साइकोलॉजिस्ट एवं 4 काउंसलर संविदा पर कार्यरत हैं। इस साल 2024 में इस सेंटर में कुल 462 छात्रों की काउंसलिंग अथवा उपचार किया गया है।