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Rajasthan Crime Report: भजनलाल की सरकार में क्राइम पर लगाम लगाने की तैयारी जारी है। भजनलाल शर्मा की सरकार बने अभी सिर्फ 1 साल हुए हैं और राजस्थान में क्राइम स्तर में रिकॉर्डतोड़ गिरावट दर्ज की गई है।

Rajasthan Crime Report: एक समय था जब राजस्थान को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य माना जाता था, गहलोत सरकार ने प्रदेश की स्थिति ऐसी बना रखी थी कि हत्या, रेप, चोरी, लूट की घटनाएं भी आम लगने लगी थी। लेकिन राजस्थान में जैसे ही भाजपा का शासन आया है, भजनलाल सरकार ने अपने कार्यकाल के सिर्फ पहले ही साल में बेजोड़ नमूना पेश कर दिया है। इससे यह भी साफ हो गया है कि भजनलाल सरकार में आगामी 4 साल राजस्थान को किस तरह बदलकर रख देगा।

चाहे मर्डर की बात करें, लूटपाट की बात करें, या महिला सुरक्षा की बात करें क्राइम के हर क्षेत्र में सुधार देखने को मिला है। आपको बता दें कि राजस्थान क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट चीख-चीख कर बता रही है कि क्राइम स्तर धम से नीचे गिरा है। चलिए आपको एक-एक कर विस्तार से बताते हैं कि गहलोत सरकार में क्राइम का स्तर क्या था और इस एक साल में इसमें कितना सुधार हुआ है।

टोटल क्राइम स्तर में 6 फीसदी की गिरावट

साल 2022 में गहलोत सरकार में क्राइम के कुल 2 लाख 96 हजार केस दर्ज हुए थे, साल 2023 में यह आंकड़ा 3 लाख के पार जा पहुंचा था, लेकिन भजनलाल की सरकार में साल 2024 में यह डेटा सिर्फ 2 लाख 83 हजार रह गया है। इसका मतलब पिछले एक साल में कुल क्राइम केस में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।

महिला क्राइम में 10 फीसदी गिरावट

महिलाओं के खिलाफ क्राइम की बात करें तो साल 2022 में 42 हजार मामले सामने आए थे, जो कि 2023 में 40 हजार हो गया था। वहीं, पिछले एक साल में यह आंकड़ा 40 हजार से धम से नीचे गिरा और सिर्फ 36 हजार रह गया है। महिलाओं के खिलाफ क्राइम स्तर में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।

महिलाओं के साथ रेप केस 20 फीसदी कम

सबसे सघन और घिनौना अपराध रेप का होता है। अशोक गहलोत को तो रेप केस में टॉप पर रहने के लिए अवार्ड से नमाजा जाना चाहिए, साल 2022 में राजस्थान में 13, 601 महिलाओं के साथ दरिंदगी की गई थी, जो कि 2023 में 13,154 हो गया था। वहीं, भजनलाल के शाषण में साल 2024 में यह आंकड़े घटकर सिर्फ 10 हजार रह गया है। महिलाओं से रेप केस में 20 फीसदी गिरावट देखने को मिली है।

निचली जाती के साथ क्राइम 14 फीसदी कम

वहीं, मर्डर केस भी गहलोत सरकार के मुकाबले 9 फीसदी कम हुआ है। निचली जाती का खुद को मसीहा बताने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध भी अभी के तुलना में 14 फीसदी अधिक होता था। इसके अलावा डिजिटल युग में साइबर क्राइम भी बड़ा मुद्दा है, इसमें भी पिछले साल की तुलना में 4 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। इससे आपको भी जरूर अंदाजा हो गया होगा कि आगामी 4 साल राजस्थान के लिए गोल्डन पीरियड से कम नहीं होगा

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