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Rajasthan News: मध्यप्रदेश से 4 बाघिनों को राजस्थान लाया जाएगा। बाघिनों को राष्ट्रीय उद्यानों में छोड़ा जाएगा। वन विभाग और प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया। प्रदेश में इस खबर से काफी खुशी का माहौल है।

Rajasthan News: प्रदेश में बाघों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। जिससे सरकार वन विभाग के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करने में तुली हुई है। प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों और जंगलों में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से बात की है। वन विभाग और मध्यप्रदेश की सहायता से प्रदेश में 4 बाघिन लाई जाएंगी। ये बाघिन मध्यप्रदेश राजस्थान को एक तोहफे के रूप में दे रहा है।

किस टाइगर रिजर्व में छोड़ी जाएंगी बाघिन

राजस्थान में 4 बाघिन मध्यप्रदेश से लाई जा रही हैं, जिनमें से 3 बाघिनों को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ी जाएंगी तथा 1 बाघिन को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रखा जाना तय किया गया है। पहली बार यह देखने में आया है कि राजस्थान में किसी दूसरे राज्य से बाघों को लाया जाएगा। बाघों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर पर्यावरणविद आपत्ति जताते हैं।

क्योंकि भोपाल के रातापानी टाइगर रिजर्व में बाघों को एक फाइब्रोमा बीमारी हो गई है, जिसके कारण बाघों की सेहत सही नहीं रहती। साल 2024 में भी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण विभाग ने मध्यप्रदेश से अन्य राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान में कईं बाघों को विस्थापित करने को कहा था।

राष्ट्रीय उद्यानों में आएगी बहार 

सरकार के इस कदम से राष्ट्रीय उद्यानों को कईं तरह से फायदा होगा। एक पर्यावरणविद का कहना है कि, "उन्हीं बाघ या बाघिनों को विस्थापित करना चाहिए जिनको कोई बीमारी नहीं हैं। इससे किसी अन्य जानवर में भी वो बीमारी होने का खतरा कम रहेगा और न ही अन्य बाघों को कोई खतरा होगा। प्रदेश के वन विभाग के अधिकारी का कहना है कि केवल स्वस्थ बाघिन को ही शिफ्ट करेंगे। साथ ही पहले उनके स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी।

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