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Mewar Janana Mahal: राजस्थान के मेवाड़ का जनाना महल को रानियों को भीषण गर्मी और आधी धूल से बचाने के लिए बनाया गया था। इसे 17वीं सदी में महाराजा अजीतसिंह द्वारा किया गया था। चलिए आपको इसका इतिहास बताते हैं।

Mewar Janana Mahal: राजस्थान के कई ऐसे महल हैं, जिन्हें किसी खास कारण के वजह से बनाया गया था। ऐसा ही एक महल का निर्माण 17वीं सदी में मारवाड़ के राजघराने के द्वारा किया गया था। जनाना नामक इस महल की रानियों को भीषण गर्मी और आधी धूल से बचाने के लिए बनाया गया था।  

मारवाड़ की शिल्प कला का अनोखा नमूना

यह महल मारवाड़ और राजस्थान का प्रसिद्ध किला माना जाता है। इस महल को मारवाड़ की शिल्प कला से बनाया गया था। प्रदेश का फेमस जनाना महल महाराजा अजीतसिंह ने मारवाड़ की महारानियों को गर्मी की लू और आंधियों से बचाने के लिए किया था। 

महल से जुड़ा इतिहास 

साल 1718-19 में मेहरानगढ़ के महलों की रानियों के लिए खास तौर पर वहां से दूर मंडोर में जनाना महल को तैयार किया गया था। महल का निर्माण इस तरह किया गया था कि जून की भीषण गर्मी में चलने वाली लू आस पास के पहाड़ों के कारण महल तक ना पहुंच सके। पहाड़ों की वजह से यह महल तलहटी की ओट में अपेक्षाकृत ठंडा रहता था। साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह जगह काफी सुरक्षित थी। आज भी लोग इस महल को जनाना नाम से जानते हैं।   

लाल घाटू के पत्थरों से बनाया गया है महल 

इस महल की खास बात यह है कि इसे लाल घाटू के खास पत्थरों से निर्मित किया गया है। फिलहाल यह महल राजकीय संग्रहालय का हिस्सा है। इसके परिसर में आपको एक थम्बामहल तीन मंजिल ऊंची अष्ठभुजी इमारत दिखेगी, जिसे एक स्तंभ के रूप में तैयार किया गया है।

इसमें आपको एक भुजा के दरवाजे, दूसरी भुजा में पत्थर से की गई नक्काशीदार जाली बनाई गई है। इसमें अलग अलग प्रकार के कमरें भी बने हुए हैं। इसके बीचों-बीच आपको एक भव्य आंगन दिखने को मिलेगा। साथ ही इसके चौक में कई फूलों का बाग और पानी के फव्वारें देखने को मिल जाएंगे।

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