Rajasthan Milk Production: दूध उत्पादन के क्षेत्र में देश में एक अलग स्थान प्राप्त कर चुके हैं राजस्थान में इसको लेकर तैयारियां और बढ़ गई है। जानकारी के मुताबिक भारत में राजस्थान दूध उत्पादन क्षेत्र में दूसरे स्थान पर आता है। सर्वाधिक दूध यूपी में और फिर 15 फीसदी से ज्यादा दूध राजस्थान में उत्पादित होता है। हालांकि, अब भजनलाल सरकार दूध उत्पादन में लंबी छलांग लगाने की तैयारी कर रही है।
इसी कड़ी में गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बड़ी पहल की है। मंत्री कुमावत की ओर से गिर नस्ल के सांडों के, पारम्परिक हिमकृत वीर्य डोजेज का वितरण आज शुरू हो गया है। दावा किया जा रहा है कि इस कदम से गौपालकों के दिन बदलेंगे।
दूध उत्पादन में लंबी छलांग लगाने की तैयारी
राजस्थान सरकार ने ब्राजील से आयातित उच्च आनुवांशिक गुणवत्ता वाले गिर नस्ल के सांडों के पारम्परिक हिमकृत वीर्य डोजेज का वितरण शुरू कर दिया है। अब उच्च गुणवत्ता वाला ये हिमकृत वीर्य गौपालकों तक पहुँचेगा। ऐसे में पशु चिकित्सक अब गायों के आने वाली नस्ल के लिए गिर नस्ल के सांडों के वीर्य का उपयोग करेंगे। इसका लाभ ऐसे होगा कि आने वाली नस्लें गिर प्रजाति की होंगी और अत्यधिक दूध का उत्पादन करेंगी। यदि ऐसा हुआ तो राजस्थान में दूध का उत्पादन बढ़ जाएगा और राज्य इस क्षेत्र में लंबी छलांग लगाएगा।
गौपालकों को होगा तगड़ा लाभ
ऐसे कृषक जो अपनी आय बढ़ाने के लिए गोपालन का काम करते हैं, उनके लिए बड़ी खबर है। राजस्थान सरकार द्वारा गिर नस्ल की गायों की संख्या बढ़ाने के लिए, की गई पहल गोपालको को तगड़ा लाभ पहुंचा सकती है। जब पशुपालकों के यहां गिर नस्ल की गाय जन्म लेंगी और फिर बीतते समय के साथ दूध उत्पादन शुरू करेंगी, तो ऐसी स्थिति में गोपालकों को लाभ होगा। अब चुकी गिर नस्ल की गायें सामान्य गायों की तुलना में ज्यादा दूध देती हैं, ऐसे में गौपालक इन इस अत्यधिक दूध उत्पादन का लाभ ले सकेंगे। गौपालक चाहे तो अत्यधिक दूध को इस्तेमाल कर व्यापार को बढ़ा सकते हैं और मोटा लाभ कमा सकते हैं।
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