Rajasthan News: राजस्थान के राजसमंद जिले में चल रहे 'प्रीप्लांटरी मॉडल' की तारीफ करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मेहता ने कहा, 'हमें राजस्थान के इस जिले में से प्रेरणा लेनी चाहिए और 'प्रीप्लांटरी मॉडल' जैसे अभियानों को शुरूआत करनी चाहिए। बता दें कि इस 'प्रीप्लांटरी मॉडल' के तहत राजस्थान के राजसमंद जिले में यदि कोई लड़की जन्म लेती है, तो उसके लिए गांव में 111 पौधे लगाए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान के राजसमंद जिले में चल रहे 'प्रीप्लांटरी मॉडल' का जिक्र करते हुए जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने इसकी सराहना की है।
गांव के सरपंच ने की थी मॉडल की शुरुआत
दरअसल राजस्थान के राजसमंद जिले के गांव में ज्यादा खनन के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा था, जिसको देखते हुए गांव के सरपंच ने इस अभियान की शुरुआत की, जिसमें हर लड़की के जन्म पर गांव के निवासी 111 पेड़ लगाएंगे। अभी तक गांव में करीब 14 लाख पेड़ लगाएं जा चुके हैं। इस अभियान से पर्यावरण साफ रहेगा साथ ही कन्या भ्रूण हत्या पर भी रोक लग सकेगी।
5 सदस्य कमेटी बनाने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के वन विभाग को सैटेलाइट बेस्ड मैपिंग और विस्तृत मानचित्रण उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया है। इसके अलावा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अंतर्गत ‘सामुदायिक आरक्षित’ घोषित करने का आदेश दिया है। इस कार्य के लिए कोर्ट ने राज्य सरकार को पांच सदस्यीय समिति बनाने के आदेश दिए हैं।
इस दिन होगी अगली सुनवाई
इस मुद्दे पर कोर्ट अगली सुनवाई 10 जनवरी 2025 को करेगा। इस दिन कोर्ट अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और उम्मीद है वन संरक्षण, पर्यावरणीय शासन व सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में प्रभाव डाला जाएगा।