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Pushkar Camel Fair Rajasthan: राजस्थान के घरों के फेमस तीखी झटपट बनने वाला आचार में सबसे पहले मिर्ची टिपोरे का नाम आता है। इस लोकप्रिय व्यंजन को अगर आप भी खाना चाहते हैं, तो जानें बनाने की विधि।

Pushkar Camel Fair Rajasthan:- पुष्कर में हर साल नवंबर के महीने में पुष्कर मेला लगाया जाता है। और हर के तरह इस साल भी 9 से 15 नवंबर तक यह मेला का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए पुष्कर पूरी तरह से तैयार कर रहा है‌। यह बहुत ही शांति मेला होता है। इसमें पारंपरिक चीजों को दिखाया जाता है। इस शांति में मेला देश- विदेश से लोग हजारों के संख्या में आते हैं और इस मेला का लुप्त उठाते हैं। 

पशुधन मेला को ही पुष्कर मेला के नाम से भी जाना जाता है। इसी मेला को पुष्कर ऊंट मेला भी कहते हैं। इसे कई नामों से जाना जाता है। यह एक वार्षिक उत्सव है। जो दुनिया के उत्साहित लोगों को अपने ओर आकर्षित करता है। कई लोग तो ऐसे भी होते है जो हर साल इस मेले में आते हैं। और यहां की जीवंत प्रकृति को देखते हैं। 

क्या है इस मेले का खासियत?

पुष्कर मेला लगाने का सबसे मुख्य कारण है पशुधन व्यापार करना है। साथ ही पर्यटकों के लिए यह संस्कृति, परंपराओं के बारे में जानने का एक अच्छा अवसर माना जाता है। इस मेले में जानवरों की खरीद-फरोख्त की जाती है। यहां  हर तरह के जानवरों का मेला लगाया जाता है जिसमें कई ऐसे जानवर भी होते है जो इस दुनिया में बहुत ही कम संख्या में अब बचा हुआ। इस मेले में उन जानवरों को भी प्रर्दशनी के लिए लगाया जाता है। 

पहले पुष्कर मेला थार रेगिस्तान  इलाके के व्यापारियों के लिए होता जहां ऊंट, घोड़े, मवेशी और अन्य जानवरों की खरीद-फरोख्त करते थे। इसका मुख्य उद्देश्य लेन-देन को सुविधाजनक बनाना होता था। अभी के समय में इस मेले में पशुधन के अलावा भी इस मेले में ऊंट दौड़, ऊंट नृत्य प्रदर्शन करवाना , लोक संगीत और सांस्कृतिक डांस प्रर्दशन ,  कठपुतली नचाना  जैसे कई प्रतियोगिताएं शामिल किया हैं। साथ ही यहां के लोगों द्वारा  मूंछ प्रतियोगिता  कराया जाता है। अगर आपको फोटोग्राफी का शोखिन है तो आप इस मेले में एक बार जरूर जाएं। यहां की शांति मेला आपको बहुत कुछ बताती और सिखाती है।
 

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