Rajasthan Vidyut Nigam: राजस्थान में स्वास्थ्य, शिक्षा कृषि व परिवहन के साथ विद्युत निगम विभाग की तस्वीर भी तेजी से बदलती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार विद्युत उत्पादन पर जोर दे रही है। राजस्थान सरकार के एकत्रित प्रयास का ही परिणाम है कि विद्युत उत्पादन निगम को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। दरअसल, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने बीते दिनों को 7000 मेगावाट से ज्यादा का बिजली उत्पादन कर बड़ा कीर्तिमान रचा है।
राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर
विभाग के इस कदम से व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सपना साकार हो रहे हैं। इससे किसान से लेकर व्यापारी व छोटे-बड़े तमाम प्रतिष्ठान संचालकों को पर्याप्त मात्रा में विद्युत की आपूर्ति की जा सकती है। इसका असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा और सुविधाओं के बदले सरकार को आधिकाधिक मात्रा में राजस्व की प्राप्ति होगी।
विद्युत उत्पादन निगम की उपलब्धि!
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अधीन आने वाले विद्युत गृहों ने अब तक सबसे भारी मात्रा में विद्युत का उत्पादन किया है। बीते शुक्रवार को राज्य के विद्युत गृहों में 7066 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ। राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस अवसर पर विभाग के तमाम आला अधिकारियों की सराहना की है।
ऊर्जा मंत्री की ओर से स्पष्ट किया गया कि विद्युत उत्पादन निगम की इस उपलब्धि से राजस्थान के नागरिकों को लाभान्वित किया जा सकेगा। भारी मात्रा में विद्युत के उत्पादन से लोगों को आवश्यकता के अनुसार विद्युत की आपत्ति आपूर्ति की जाएगी। इससे कृषि से लेकर व्यापार समेत अन्य सभी जगत को लाभ हो सकेगा।
साकार हो रहा नागरिकों का सपना
राजस्थान सरकार के विभिन्न प्रयासों से लगातार राज्य में सरकारी सुविधाओं को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर ऊर्जा विभाग की ये पहल और परिणाम देखी जा सकती है। राज्य में भारी मात्रा में विद्युत का उत्पादन यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार नागरिकों के हित के लिए कितनी गंभीर है।
राजस्थान सरकार के प्रयासों की वजह से ही आज नागरिकों का सपना साकार हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि भारी मात्रा में हुए विद्युत उत्पादन से कृषि, व्यापार समिति अन्य तमाम आर्थिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले प्रतिष्ठानों को लाभ हो सकेगा। इससे व्यक्तिगत तौर पर किसान और व्यापारी भी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे और साथ ही सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी जिसका इस्तेमाल विकास कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
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