Rajkumari Ratnavati Girls School: रेगिस्तान के बीचों बीच जहां तापमान अक्सर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, एक ऐसी इमारत खड़ी हुई है जिसने वास्तुकला और डिजाइन के मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जैसलमेर में राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल की। यह संस्थान न केवल लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देता है बल्कि कुछ इस तरह से बना हुआ है कि यहां तपती धूप में भी आपको ठंडी का एहसास होगा। यहां पर पारंपरिक एयर कंडीशनिंग या ग्रेड बिजली की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। आईए जानते हैं इस खास स्कूल के बारे में।
पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन
जैसलमेर के प्रतिष्ठित पीले बलुआ पत्थर से बनी हुई है इमारत गोला का डिजाइन है जो भारतीय संसद भवन जैसा लगता है। यह जालीदार इमारत अच्छी तरह से हवादार छत के द्वारा प्राकृतिक कूलिंग इफेक्ट पैदा करती है। इससे कठोर रेगिस्तान गर्मी में भी इस इमारत का इंटीरियर हमेशा ठंडा ही रहता है।
यह स्कूल पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा से संचालित होता है। इससे न केवल ऊर्जा लागत में कटौती होती है बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी बनता है।
शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सशक्त बनाना
राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल में सभी छात्रों को निशुल्क शिक्षा और भोजन प्रदान किया जाता है और साथ ही लड़कियों की शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए वित्तीय बाधाओं को दूर करके आंतरिक विषयों पर ध्यान दिया जाता है। यहां के पाठ्यक्रम में अंग्रेजी और कंप्यूटर शिक्षा भी शामिल है।
यहां की स्कूल यूनिफॉर्म भी काफी अलग है और इन्हें प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी द्वारा डिजायन किया गया है।
कैसे हुई थी स्कूल की शुरुआत
इस स्कूल की स्थापना सीआईटीटीए फाउंडेशन द्वारा हुई थी। जिसे चैतन्य राज सिंह और राजेश्वरी राज्य लक्ष्मी सहित शाही परिवार के प्रमुख सदस्यों का समर्थन मिला। उसके बाद सूर्याग्रह पैलेस होटल के मालिक मानवेंद्र सिंह शेखावत ने स्कूल के लिए 22 बीघा जमीन दान दे दी। राजकुमारी रत्नावती गर्ल्स स्कूल सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान ही नहीं है साथ ही यह सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक नहीं है।
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