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Power Plants of Rajasthan: ऊर्जा संसाधन की उपलब्धता किसी भी राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय होता है। और बात जब राजस्थान जैसे बड़े राज्य की हो तो यह आवश्यकता और अधिक बढ़ जाती है।

Power Plants of Rajasthan: राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में एक आदर्श राज्य बनकर उभरा है। राजस्थान की भौगोलिक और जलवायु स्थितियां सौर और पवन ऊर्जा के लिए आदर्श मानी जाती है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी से इस राज्य ने देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में एक मजबूत आधार स्थापित किया है। राजस्थान का व्यापक रेगिस्तानी क्षेत्र और तेज धूप इसे सौर ऊर्जा के लिए आदर्श बनाते हैं, जबकि यहां के क्षेत्रों में पवन ऊर्जा की भी अपार संभावनाएं दिखती हैं।

फतेहगढ़ सोलर पार्क

जैसलमेर के रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित यह सोलर पार्क राजस्थान के सबसे बड़े सोलर पार्क में से एक है। यहां की उत्पादन क्षमता 1,500 मेगावाट है। यह संयंत्र आसपास के क्षेत्र के स्थानीय विकास और रोजगार सृजन में काफी सहायक माना जाता है। इस परियोजना में आधुनिक सौर पैनलों और ऊर्जा संग्रहण प्रणालियों का प्रयोग किया गया है।

भादला सोलर पार्क

जोधपुर के भादला गांव में स्थित यह सोलर पार्क 2,245 मेगावाट की बिजली उत्पन्न करता है। इस सोलर पार्क को दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क माना जाता है। इस संयंत्र को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और राज्य सरकार की साझेदारी से विकसित किया गया है। कम कार्बन उत्सर्जन करके स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने के लिए इस सोलर प्लांट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। 

फलोदी सोलर प्लांट

500 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ फलोदी सोलर प्लांट जोधपुर जिले में स्थित है। यह संयंत्र हर साल हजारों टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने का कार्य करता है। इस प्लांट में बिजली उत्पादन के लिए उच्च दक्षता वाले फोटोवोल्टिक सोलर पैनलों का उपयोग किया जाता है।

जैसलमेर पवन ऊर्जा संयंत्र

यह संयंत्र जैसलमेर जिले के अलग-अलग स्थानों पर बनाया गया है और इसकी उत्पादन क्षमता 1,000 मेगावाट से अधिक है। इस संयंत्र को भारत के सबसे बड़े पवन ऊर्जा संयंत्रों में से एक माना जाता है। जैसलमेर के खुले मैदान और उच्च वायु गति इस संयंत्र को पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए आदर्श बनाते हैं। यह संयंत्र हर साल लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने का कार्य करता है।

बीकानेर पवन ऊर्जा परियोजना

बीकानेर जिले में स्थित यह प्लांट 200 मेगावाट से ज्यादा की उत्पादन क्षमता के साथ बिजली उत्पन्न करता है। यहां की पवन गति ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इसके साथ ही यह परियोजना ग्रामीण विकास और हरित ऊर्जा पहल को समर्थन देने का भी कार्य करती है।

बाड़मेर पवन ऊर्जा परियोजना

इस संयंत्र को बाड़मेर जिले में लगाया गया है और इसकी उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट है। इस परियोजना में नवीनतम पवन टरबाइनों का उपयोग किया गया है, ताकि यह संयंत्र क्षेत्रीय स्तर पर ऊर्जा की मांग को पूरा करने में सहायक हो सके।

नवीकरणीय ऊर्जा में राजस्थान की विशेषता

राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र सौर ऊर्जा के लिए आदर्श माने जाते हैं, वहीं थार मरुस्थल की हवा पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयुक्त है। राजस्थान राज्य सरकार ने "राजस्थान सौर ऊर्जा नीति" और "पवन ऊर्जा नीति" लागू करने की पहल की है, ताकि लोग अधिक से अधिक हरित ऊर्जा की ओर अग्रसर हों। इसके अलावा, सौर और पवन ऊर्जा में निवेश करने के लिए लोगों को आकर्षित करने हेतु सब्सिडी और कर में छूट भी दी जाती है।

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