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Jaipur Airport: जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर 30 मार्च से रीकार्पेटिंग का कार्य शुरू किया जाएंगा। यह कार्य 90 दिनों तक चलेगा, इस दौरान फ्लाइट्स का संचालन साढ़े 8 घंटे तक बंद रहेगा।

Jaipur Airport: 30 मार्च से जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे की रीकार्पेटिंग का कार्य शुरू किया जाएंगा, जिसके चलते एयरपोर्ट पर साढ़े 8 घंटे उड़ाने बंद रहेगी। रीकार्पेटिंग का कार्य सुबह 9:30 बजे से शाम 06:00 बजे तक किया जाएंगे,  इस बीच फ्लाइट्स का संचालन नहीं होगा।

रीकार्पेटिंग का कार्य 90 दिनों लक्ष्य

रीकार्पेटिंग का कार्य 90 दिनों के भीतर करने का लक्ष्य तय किया गया है। विभान संचालन को अपग्रेड करने के लिए रनवे स्ट्रेंथनिंग का कार्य किया जा रहा है। जयपुर एयरपोर्ट का रनवे 3,407 मीटर लंबा है और 45 मीटर चौड़ा है, रीकार्पेटिंग से रनवे के दोनों तरफ 15 मीटर अतिरिक्त शोल्डर स्पेस तैयार किया जाएगा। 

बिटुमिनस रनवे की मिलिंग होगी शामिल 

रीकार्पेटिंग में मौजूदा बिटुमिनस रनवे की मिलिंग को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद मानकों के अनुरूप डिजाइन मापदंडों को भी करने के लिए इन बिटुमिनस इनले व ओवरले का इस्तेमाल किया जाएगा। रनवे समेत कुल 2.04 लाख वर्गमीटर क्षेत्र पर रीकार्पेटिंग का कार्य किया जाएगा। 

कम टाइम हो पाएगी टेकऑफ़ और लैंडिंग

पिछली बार साल 2016 में जयपुर एयरपोर्ट के रनवे रीकार्पेटिंग का कार्य किया गया था। पिछले माह एयरपोर्ट ने 3065 मीटर लंबे नए समानांतर टैक्सी-वे की कमीशनिंग भी पूरी की थी। समानांतर टैक्सीवे से प्लैन एक साथ चल सकते है, इसकी मदद से टेकऑफ़ व लैंडिंग के लिए लोगों को ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

रीकार्पेटिंग के दौरान अतिरिक्त रनवे एग्जिट टैक्सीवे के निर्माण का भी प्रस्ताव रखा गया है, बता दें कि रनवे एग्जिट टैक्सीवे रनवे और टैक्सीवे को एक साथ जोड़ने वाली एक छोटी सड़क होती है जो रनवे पर विमानों को तेज प्रवेश करने और निकास करने में मदद करती है। 

एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (AGL) सिस्टम को किया जाएगा अपग्रेड

रनवे रीकार्पेटिंग की प्रक्रिया के दौरान पूरे एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (AGL) सिस्टम को भी अपग्रेड करने का कार्य किया जाना है, साथ ही हैलोजन लाइटिंग सिस्टम को एलईडी सिस्टम से बदल दिया जाएगा। वहीं एयरफील्ड साइनेज को भी अपग्रेड करने का काम किया जाएगा। एलईडी में रूपांतरण से हवाई अड्डे के लिए 50 प्रतिशत बिजली की बचत की जा सकेंगी।

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