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Ajmer Gas Insulated Sub Station: राजस्थान के अजमेर डिस्कॉम में पहला गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन बनेगा। इसके निर्माण से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू होगी और नए कनेक्शन भी जारी किए जा सकेंगे। साथ ही इसके बनने से लोड पर्याप्त मिल सकेगा जिससे फाॅल्ट कम होंगे।

Ajmer Gas Insulated Sub-Station: राजस्थान सरकार ने अजमेर डिस्कॉम में पहला गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन बनाने का फैसला लिया है। वहीं अजमेर डिस्कॉम में यह पहला गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन बनेगा। यह गैस इंसुलेटेड 132 केवी का होगा, इसके साथ ही इसके ऊपर दो मंजिला भवन बनाया जाएगा। सब स्टेशन के ऊपर दो मंजिला भवन बनाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि इसमें दफ्तर संचालित होंगे। अजमेर डिस्कॉम में बन रहें इस गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन से कंज्यूमर को राहत मिलेगी।

जगह की कमी की वजह से निर्णय में किया गया बदलाव

बता दें कि सरकार ने अजमेर के हाथी भाटा में 132 केवी जीएसएस बनाने की घोषणा की थी। लेकिन जगह के कमी की वजह से फैसला में बदलाव किया गया है और अब यहां पर 132 केवी गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन बनाने की तैयारी की गई है। इस बदलते निर्णय की जानकारी निगम के अधीक्षक अभियंता एम. के. जारवाल ने दिया है। उन्होंने कहा है की जगह की कमी की वजह से निर्णय में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही जारवाल ने यह भी बताया कि जीएसएस के लिए करीब ढाई हैक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ती है। लिहाजा जमीन की कम उपलब्धता होने की वजह से जीआईएसएस बनाने की योजना तैयार की गई है।

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करोड़ों की लागत से बनेगा यह सब स्टेशन

इसमें बात अगर साधारण जीएसएस की करें तो इसमें ब्रेकर, करंट ट्रांसफॉर्मर, प्रोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर होता है। वहीं जीआईएसएस में ब्रेकर, करंट ट्रांसफॉर्मर, प्रोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर का कॉम्पैक्ट होता है। इन दोनों के निर्माण लागत में भी काफी अंतर होता है। जहां साधारण जीएसएस का खर्चा करीब पच्चीस करोड़ होता है वहीं इसमें करीब 90 से 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं अगर जीएसएस और जीआईएसएस की वैलिडिटी की बात करें तो दोनों की वैलिडिटी 50 साल होती है।

बिजली आपूर्ति में होगा इजाफा

इस गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन बनने से बिजली आपूर्ति में इजाफा होगा। निगम के अधीक्षक अभियंता एम. के. जारवाल ने बताया कि इसके निर्माण से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू होगी और नए कनेक्शन भी जारी किए जा सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बनने से लोड पर्याप्त मिल सकेगा और  फाॅल्ट में कमी आयेगी।

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