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Disgraced king of Rajasthan: मेवाड़ के राजाओं की गाथाएं तो बहुत सुनी होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेवाड़ में एक ऐसा राजा भी था, जिसे मेवाड़ का कलंक कहा जाता है। उसने सत्ता के लालच में अपने ही पिता की हत्या कर दी थी। 

Disgraced king of Rajasthan: राजस्थान के राजाओं का इतिहास साहस और वीरता से भरा है लेकिन एक ऐसा राजा भी रहा, जिसने राजस्थान के राजाओं को कलंकित किया। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के मेवाड़ राजा राणा कुंभा के बेटे उदय सिंह प्रथम की। उदय सिंह प्रथम ने सत्ता के लालच में अपने पिता की हत्या कर दी थी। उसे डर था कि अगर वो अपने पिता को नहीं मारेगा, तो राज गद्दी का उत्तराधिकारी किसी और को बना दिया जाएगा। 

अपने पिता की हत्या कर बना राजा

बता दें कि राणा कुंभा श्याम मंदिर में प्रार्थना कर रहे थे। इसी बीच उदय सिंह प्रथम ने कुंभा की हत्या कर दी। राणा कुंभा की हत्या के बाद मेवाड़ टूट रहा था। इस बीच उदय सिंह ने खुद को राजा घोषित कर दिया। इसके बाद उसने पांच सालों तक सत्ता पर राज किया। 1468 से लेकर 1473 तक वो सिंहासन पर बैठा। उदय सिंह को उसके ही भाई रायमल ने हरा दिया। हार के बाद उदय सिंह मेवाड़ से भाग निकला और दिल्ली सुल्तान से मदद मांगने पहुंचा। हालांकि कुदरत ने उसे दंडित किया और सुल्तान से मिलकर लौटते समय बिजली गिरने से उसकी मौत हो गई। 

वंशावली से भी हटा दिया गया राजा उदय सिंह का नाम

मेवाड़ के सूर्यवंशी राजाओं की विरासत से कुदरत ने एक कलंकित बेटे को हमेशा के लिए मिटा दिया। साथ ही मेवाड़ की वंशावली से भी उदय सिंह को हटा दिया गया। इसके अलावा उसे हत्यारा शब्द से संबोधित किया गया। ब्रिटिश काल में लेफ्टिनेंट कर्नेल जेम्स टॉड ने राजपुताना इलाकों के बारे में बहुत कुछ लिखा। उन्होंने उदय सिंह का भी जिक्र किया था। उन्होंने अपने एक लेख में कलंकित राजा का जिक्र किया था। उन्होंने लिखा था 'मेवाड़ के सिसोदिया राजपूत उदय सिंह प्रथम साल 1468 से 1473 तक ही सत्ता पर राज कर पाया।'

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