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Udaipur Tourism: उदयपुर शहर सात झीलों से घिरा हुआ है इन सात झिलों को उदयपुर की बहने भी कहा जाता है। इस लेख में आज हम आपको इन सातों झील के बारें में विस्तार से बताएंगे।

Udaipur Tourism: राजस्थान का उदयपुर शहर भारत के रोमांटिक शहरों में एक माना जाता है। लाखों की संख्या में पर्यटक सालाना यहां आकर शहर की खूबसूरती का अहसास लेते हैं। कपल अक्सर यहां आकर शादी से पहले प्री वेडिंग शूट करवाने आते हैं। बता दें कि उदयपुर शहर सात झिलों से घिरा हुआ है। आज इस आर्टिकल में हम इन सभी सात झिलों के बारें में विस्तार से चर्चा करेंगे। 

1. पिछोला झील

पिछोला झील उदयपुर की मुख्य झिलों में से एक है और यह शहर की सबसे पुरानी झील है। इस झील का निर्माण साल 1362 में महाराणा लाखा के शासक पिछु बजनारा ने कराया था। माना जाता है कि इस झील की खूबसूरती को देखते हुए महाराणा उदय सिंह ने शहर का निर्माणा झील के पास कराया था। विशाल पहाड़ों व भव्य किलो और महलों से घिरी यह झील करीब 4 किमी लंबी है और 3 किलोमीटर चौड़ी है। लोग यहां आकर बोटिंग और अन्य गतिविधियों का मजा लेने आते हैं।

2. दूध तलाई झील

दूध तलाई झील उदयपुर शहर की नेचुरल झीलों में से एक मानी जाती है। छोटी-छोटी पहाड़ियों के बीच बसी इस झील के पास पर्यटकों के लिए दीन दयाल उपाध्याय पार्क और माणिक्स लाल वर्मा गार्डन भी उपलब्ध है। इसी कारण हर उम्र के लोग इस झील को देखने आते है। राजा महाराजा के समय दूध देने वाली गाय ज्यादातर इसी झील के करीब आकर खड़ी हुआ करती थी जिसके कारण इस झील को दूध तलाई झील के नाम से कहा जाने लगा। 

3. गोवर्धन सागर झील

गोवर्धन सागर झील शहर की सबसे छोटी कृत्रिम झील है। यह झील शहर से करीब 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है।

4. कुमारी तालाब

कुमारी तालाब उदयपुर की सात पहनों में से एक है। झील की खूबसूरती को देखने के लिए हजारों सैलानी यहां आते हैं। 

5.रंगसागर झील

उदयपुर शहर की मुख्य झीलों में से एक है रंगसागर झील, जिसे ताजे पानी की झील भी कहा जाता है। इसका निर्माण महाराजा अमर सिंह बड़वा ने 1668 ईस्वी में कराया था। इस झील की लंबाई करीब 2 किलोमीटर है और यह लगभग 250 मीटर चौड़ी है। 

6. स्वरूप सागर झील

स्वरूप सागर झील को साल 1857 में महाराणा स्वरूप सिंह ने बनवाया था। इसका निर्माण फतेह सागर झील और पिछोला झील के पानी के स्तर को संतुलित करने के कराया गया था।  

7. फतेह सागर झील 

फतेह सागर झील का निर्माण महाराणा फतेह सिंह ने1889 ई. में कराया था। ड्यूक ऑफ कॉनॉट जब उदयपुर आए उनके नाम पर मदार नदी के एक बांध का नाम कॉनॉट बांध रखा गया था। झील का नाम महाराणा फतेह सिंह के नाम पर रखा गया था। आज यह झील लोगों के बोटिंग करने के लिए और अपनी खूबसूरती के लिए विश्वभर में जानी जाती है। 

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