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Festivals Of Rajasthan: राजस्थान अपने रंग-बिरंगे मेलों और  त्यौहारों के समय और भी अधिक जीवंतता से जगमगा उठता है। तो चलिए ऐसे में आज हम आपको बताते हैं राजस्थान के कुछ प्रमुख त्यौहारों के बारे में....

Festivals Of Rajasthan: राजस्थान, जो अपनी समृद्ध संस्कृति, ऐतिहासिक महत्व और विविध परंपराओं के लिए जाना जाता है, मेलों का आयोजन करने की एक समृद्ध परंपरा रखता है ।ये मेले न केवल स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन हैं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अनोखा अनुभव प्रदान करते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं राजस्थान के कुछ प्रमुख त्यौहारों के बारे में....

1. मेवाड़ उत्सव (मेवाड़ फेस्टिवल): यह उदयपुर में वसंत ऋतु के आगमन पर आयोजित किया जाता है, जिसमें शहर को सजाया जाता है और स्थानीय दुकानें और बाजार रोशनी से जगमगाते हैं। इसमें जुलूस, सांस्कृतिक कार्यक्रम और आतिशबाजी शामिल होते हैं।

2. तीज महोत्सव (तीज फेस्टिवल): यह महिलाओं द्वारा भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए मनाया जाता है, जिसमें वे अपने सिर पर मूर्तियां लेकर जुलूस निकालती हैं और पिछोला झील में विसर्ज करती हैं।

3. गणगौर महोत्सव (गणगौर फेस्टिवल): यह त्योहार शक्ति की पूजा के लिए मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं गौरी की पूजा करती हैं और उनकी विधिवत पूजा के बाद जुलूस निकालती हैं।

4. हाथी महोत्सव (इलीफेंट फेस्टिवल): जयपुर में आयोजित यह उत्सव हाथियों की सजावट, हाथी दौड़, हाथी पोलो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

5. ऊंट महोत्सव (कैमल फेस्टिवल): बीकानेर में आयोजित यह उत्सव ऊंटों की सजावट, ऊंट दौड़ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

6. मरु महोत्सव (डेजर्ट फेस्टिवल): जैसलमेर में आयोजित यह उत्सव रेगिस्तान की सुंदरता को प्रदर्शित करता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, ऊंट सफारी और रेगिस्तानी खेल शामिल होते हैं।

7. मारवाड़ महोत्सव (मारवाड़ फेस्टिवल): जोधपुर में आयोजित यह उत्सव मारवाड़ की संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, ऊंट नृत्य और घोड़ा नृत्य शामिल होते हैं।

8. बूंदी उत्सव (बूंदी फेस्टिवल): बूंदी में आयोजित यह उत्सव स्थानीय कला, संस्कृति और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिल्प मेला और आतिशबाजी शामिल होते हैं।

9. पतंग महोत्सव (काइट फेस्टिवल): जयपुर में आयोजित यह उत्सव पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता के साथ मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न रंगों और डिजाइनों की पतंगें आसमान में उड़ती हैं।

10. पुष्कर मेला: पुष्कर मेला, जो अक्टूबर और नवंबर के महीनों के बीच आयोजित किया जाता है, दुनिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक है। यह मेला पुष्कर शहर में आयोजित किया जाता है और लगभग 200,000 लोगों को आकर्षित करता है। मेले के दौरान, मवेशियों, घोड़ों और ऊंटों का व्यापार होता है, और यह एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और नृत्य प्रदर्शन भी आयोजित किए जाते हैं।

11. कोलायत मेला: कोलायत मेला, जो बीकानेर जिले में स्थित कोलायत शहर में आयोजित किया जाता है, राजस्थान के सबसे बड़े मेलों में से एक है। यह मेला कपिल मुनि घाट से शुरू होता है और कोलायत झील के आसपास के 51 घाटों तक फैल जाता है। मेले के दौरान, भक्त विभिन्न अनुष्ठान करते हैं और कोलायत झील में पवित्र स्नान करते हैं। इसके अलावा, मेले में पशु व्यापार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और संध्या आरती के दौरान मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं।

12. नागौर मेला: नागौर मेला, जो जनवरी और फरवरी के महीनों के बीच आयोजित किया जाता है, भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। यह मेला नागौर के पशु मेले के रूप में लोकप्रिय है, जहां मालिक जानवरों का व्यापार करने के लिए इकट्ठा होते हैं। मेले में बैलों, ऊंटों और घोड़ों का व्यापार होता है, और यहां तक कि मसालों का भी व्यापार होता है। इसके अलावा, मेले में मिर्ची बाजार, लकड़ी की वस्तुओं की बिक्री, लौह-शिल्प और ऊंट के चमड़े के सामान शामिल हैं।

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