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Unique Village in Rajasthan: राजस्थान अपनी अतरंगी परंपराओं को लेकर भी जाना जाता है। जैसलमेर में अब भी एक ऐसा गांव है, जहां के लोग दो शादियां करते हैं और उनकी दोनों पत्नियों को कोई आपत्ति नहीं होती।

Unique Village in Rajasthan: भारतीय परंपरा में शादी का अपना अलग महत्व है। 99 फीसदी लोग जिंदगी में एक बार शादी जरूर करते हैं। हर राज्य, धर्म में शादी को लेकर अपनी अलग परंपरा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में एक ऐसा गांव है, जहां के मर्दों को एक नहीं बल्कि दो शादियां करने की अनुमति होती है। 

इस गांव में दो शादियों का रिवाज

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जैसलमेर के रामदेयो बस्ती की। रामदेयो बस्ती में शादी को लेकर अजीब और अतरंगी रिवाज है। यहां के मर्दों को एक नहीं बल्कि दो शादियां करने का अधिकार मिला है। इस परंपरा के तहत बस्ती के हर युवक के पास दो बीवियां रखने का विकल्प है। हालांकि ये उनकी मर्जी है कि वो दूसरी शादी करना चाहते हैं या नहीं। 

पुरखों की परंपरा को बढ़ा रहे आगे

बता दें कि भारतीय संविधान के अनुसार किसी व्यक्ति को अपनी पहली पत्नी के जिंदा रहते या पहली पत्नी को तलाक दिए बिना, दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं होती लेकिन इस बस्ती में किसी को किसी की दूसरी शादी से ऐतराज नहीं होता। ये परंपरा काफी सालों से चलती आ रही है। हालांकि अब ये परंपरा धीरे- धीरे खत्म होने लगी है, लेकिन फिर भी बस्ती के कुछ युवा आज भी अपने पुरखों की परंपरा को आगे लेकर जा रहे हैं और दूसरी शादी कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग इस परंपरा को गलत मानते हैं। 

प्यार से एक साथ रहती हैं दोनों बीवियां

आपने अक्सर देखा या सुना होगा कि जिस घर में दो बीवियां होती हैं, वहां झगडा काफी ज्यादा होता है लेकिन इस गांव में ऐसा नहीं है। इस परंपरा की खास बात ये है कि शादी के बाद दोनों बीवियों में झगडा नहीं होता, बल्कि दोनों पत्नियां शांति और समझौते के साथ पति का घर संभालती हैं। वो दोनों बहनों की तरह एक ही घर में रहती हैं और काम साझा करती हैं। 

क्यों बनाई गई परंपरा

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये परंपरा क्यों बनाई गयी होगी? तो इसका जवाब ये है कि पुराने समय में कहा जाता था कि एक ही पत्नी से विवाह करने पर संतानहीनता और सिर्फ बेटियों के जन्म का जोखिम ज्यादा होता था। ऐसे में वहां के पुरुषों का मानना है कि वो दो शादियां करके अपने वंश को सुरक्षित करते हैं। हालांकि नई पीढ़ी के काफी लोग इस परंपरा से दूरी बना रहे हैं।

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