Adhar Devi: माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है मां दुर्गा का अधार देवी मंदिर जो राजस्थान के माउंट आबू की एक पहाड़ी पर स्थित है। यहां की खास बात यह है कि इस मंदिर में माता की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है। यह परंपरा कई सालों से चलती आ रही है।
यहां गिरे थे मां सती के होंठ
पांच हजार साल पुराने इस मंदिर में माना जाता है कि इस स्थान पर माता सती के होठ गिरे थे, जिसके कारण इस मंदिर को आधार देवी यानी होंठ की देवी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है जिसमें लिखा है कि इस गुफा में मां अपने छठे रूप कात्यायनी के स्वरूप में विराजती है।
नवरात्रि के खास मौके पर उमड़ती है भीड़
मां कात्यायनी के दर्शन करने के लिए दूर दूर से पर्यटक यहां आते है। आस्था है कि यहां मांगा गया हर वरदान मां पूरा करती है। नवरात्री के नौ दिन यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। देश के विभिन्न शहरों से लोग यहां माता के दर्शन करने पहुंचते है।
आज भी गुप्त तरीके से होती है माता की पूजा
बता दें कि यह मंदिर करीब साढ़े पांच हजार साल पुराना है। यहां की खास बात यह है कि कई सालों से यहां माता की पूजा सबके सामने नहीं की जाती है बल्कि माता की पूजा मंदिर के पंडित गुप्त तरीके से करते है। ऐसा कई सदियों से चलता आ रहा है।
मां कात्यायनी ने यहीं किया था बासकली राक्षस का वध
माना जाता है कि इस मंदिर के पास ही देवी का चरण पादुका मंदिर बना हुआ है, जहां मां के चरण पादुकाओं की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस स्थान पर माता ने बासकली नामक राक्षस का वध किया था।