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Ajmer temple: राजस्थान के अजमेर जिले के बोराज गांव के पास स्थित मां चामुंडा मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त मंदिर की पहाड़ी पर पत्थर का घर बनाता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। इस मंदिर को सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने 11वीं शताब्दी में बनवाया था।

Ajmer temple: राजस्थान के कई ऐतिहासिक मंदिर अपने इतिहास के लिए जाने जाते है, वहीं कई ऐसे मंदिर है जो अपनी हस्तकलाओं के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां ऐसे कई मंदिर स्थित है जो अपनी किसी ना किसी अनोखी परंपरा और भक्ति के लिए श्रद्धालुओं के आर्कषण का केंद्र है।

ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले के बोराज गांव के पास स्थित अरावली की पहाड़ियों पर बना हुआ है। मां चामुंडा का यह एक ऐतिहासिक और प्रचीन मंदिर है। बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने 11वीं शताब्दी में की थी, जिसके बाद से यह मंदिर धार्मिक आस्था का मुख्य केंद्र बना हुआ है। 

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पत्थर के घर बनाने पर हो जाती है सभी इच्छाएं पूरी 
स्थानीय निवासी व मंदिर के पुजारी की जानकारी के अनुसार माता चामुंडा के इस मंदिर में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां आकर सच्चे मन से पहाड़ियों के छोटे-छोटे पत्थरों से प्रतीकात्मक मकान का निर्माण करता है माता उसकी सभी इच्छाएं पूरी करती है।  

1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है माता का मंदिर 
देश विदेश से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर माता के दरबार में आते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त माता के मंदिर में लाल चुनरी बांधते हैं। ऊंची पहाड़ियों पर स्थित होने का कारण भक्तों में जोश देखने को मिलता है। करीब 1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में माथा टेक कर भक्त अपने आपको धन्य मानतें है। वहीं कई जाति समाज के लोगों द्वारा मंदिर में माथा टेककर कुछ शुभ कार्य करने की परंपरा भी है। 

नवरात्रि के नौ दिन मंदिर में उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़
मंदिर के पुजारी मदन सिंह ने कहा कि मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु के दुश को माता हर लेती है। साथ ही भक्तों की हर मनोकामना मां के दरबार में माधा टेकने से पूरी हो जाती है। इसी कराण से हर साल माता के दरबार में लाखों भक्त दर्शन करने पहुंचते है। खास तौर पर नवरात्रि के नौ दिनों में माता के भक्तों का तांता लगा रहता है।

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