Ambaji Temple Banaskantha: राजस्थान में कई ऐसे मंदिर हैं, जिसका इतिहास और रहस्य जानकर दिमाग हिल जाता है। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताएंगे जो राजस्थान और गुजरात की सीमा पर बनासकांठा में स्थित है। दरअसल इस मंदिर को अंबाजी का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर को लेकर जानकारी यह बताते हैं कि इस 1400 साल पहले ही बनाया गया था। किस रहस्यमई मंदिर भी कहा जाता है, जहां एक भी माता की मूर्ति गर्भ गृह में उपलब्ध नहीं है। इस मंदिर में श्री यंत्र आराधना की जाती है, जिसे कोई भी सीधे आंखों से नहीं देख सकता है।
इसी जगह पर गिरा था मां सती का हृदय
इस मंदिर के इतिहास को लेकर यह बताया जाता है कि इन्हीं पहाड़ियों पर मां सती का हृदय गिरा था। जिस जगह पर मां सती का हृदय गिरा था वहीं पर एक दीपक प्रज्वलित होती रहती है। इस जगह को देवी माता के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस जगह को लेकर धार्मिक मान्यता यह भी है कि यहां पर भगवान श्री राम शक्ति उपासना के लिए आए थे। इसी जगह पर भगवान श्री कृष्ण का मुंडन के बारे में भी बताया गया है।
यहां आरती के समय में लिया जाता है 1 मिनट का विराम
यह एक ऐसा शक्तिपीठ है, जहां पर माता की आरती के समय में 1 मिनट का विराम लिया जाता है। यह केवल सुबह ही नहीं बल्कि शाम में भी होने वाले आरती के समय में होता है। इस अनोखी प्रथा के दौरान इस मंदिर के पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर दीपक प्रज्वलित माता अंबा की बीसा यंत्र की पूजा अर्चना करते हैं। इस शक्तिपीठ में देवी नहीं बल्कि उनकी यंत्रों की पूजा की जाती है।
सफेद संगमरमर से बनाया गया मंदिर लगता है विशाल
इस भव्य मंदिर को उजले रंग के संगमरमर से बनवाया गया है। इसका शिकार करीब 100 फीट से भी ज्यादा है, जिसके कारण यह भव्य दिखता है। इसके शिकार पर कम 350 से ज्यादा सोने की कलश लगाए गए हैं। जब भी नवरात्रि का त्यौहार आता है उसे समय यहां पर विशेष तरीके से मंदिर को सजाया जाता है। इस जगह पर गरबा का भी आयोजन होता है।