Baba Rameshwar Das Temple: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखंड के पास स्थित बसई गांव में एक मंदिर पूरे भारत में जाना जाता है, क्योंकि यह एक ऐसा अनूठा मंदिर जहां कोई दानपात्र नहीं है। यानी यहां आए भक्त भगवान कोई राशि दान नहीं करते हैं। यह मंदिर बाबा रामेशवरदास को समर्पित है। मंदिर में कई जगहों पर चेतावनी के साथ लिखा हुआ है कोई भी भक्त इस मंदिर में दान ना करें। दुग्धभागा नदी के किनारे स्थित इस धाम को बाबा रामेश्वरदास की तपो स्थली माना जाता है। यह मंदिर इतना विशाल है कि इसके दर्शन करने में ही 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है।
2 राज्यों में आता है मंदिर
यहां के पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मंदिर में कई अन्य देवी-देवताओं के प्राचीन मंदिर भी बने हुए हैं। जिनमें मां अन्न पूर्णा, बजरंगबली, मां दुर्गा, भगवान शिव और लक्ष्मी गणेश के मंदिर शामिल है। खास बात यह है कि इस मंदिर का कुछ भाग राजस्थान के क्षेत्र में आते हैं, तो वहीं कुछ भागल हरियाणा के बामणवास इलाके में स्थित है। बता दें कि इस धाम का निर्माण गजानंद कुमावत खेतड़ी कारीगर ने किया है।
भक्तों को दिया जाता है मिश्री और पेड़े का प्रसाद
इस मंदिर की अनोखी बात यह है कि इस मंदिर में किसी भी भक्त से एक रूपए भी दान नहीं लिया जाता है। यहां आए श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में मिश्री और पेड़े दिए जाते हैं। साथ ही यहां कोई वीआईपी लाइन नहीं सभी भक्त एक ही लाइन में खड़े होकर प्रसाद लेते हैं।
शीशे पर उकेरकर लिखी है गीता
इस धाम में बने गीता भवन के शीशों पर बेहद सुंदर तरीके से श्रीमद् भागवत गीता के 18 अध्यायों को उकेरा गया है। इस चित्रकारीम में शीशे के अंदर की ओर से उल्टे शब्द लिखे गए हैं, जो सामने से देखने पर सीधे नजर आते हैं। इस खास कलाकारी को देखने के लिए दुनिया भर से लोग यहां आते हैं।
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