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Barodiya Tradition:  राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के बड़ोदिया गांव में होली पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जिसमें दो लड़को की आपस में शादी करवायी जाती है। 

Barodiya Tradition:  राजस्थान में सभी त्यौहारों को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है और राजस्थान की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां सभी त्यौहारों को अपनी अलग- अलग परंपराओं से मनाया जाता है, जो देखने में बहुत ही अनोखी होती हैं।

बांसवाड़ा जिले के बड़ोदिया गांव में होली के दिन एक अलग ही तरह की परंपरा को निभाया जाता है, जिसमें लड़को की शादी करवाई जाती है। हालांकि इस शादी को वास्तविकता से कोई संबंध नही होता है। ये केवल एक परंपरा है, जिसमें दुल्हा और दुल्हन के किरदार को लड़को द्वारा निभाया जाता हैं।  

दो लड़को की शादी परंपरा

इस परंपरा को कई सालो से पुरखो की परंपरा के रूप में आज तक भी उसी आस्था और भाव के साथ निभाई जा रही है। इस परंपरा में शादी का जीवंत नजारा होली पर इस बांसवाड़ा जिला के बड़ोदिया गांव में होली की पूर्व रात्रि को देखा जाता है, जिसमें दो लड़को की पूरे विधि विधान से शादी की जाती है। शादी की परंपराओं का हिस्सा गांव के सभी लोग बनते है, जो इसे और ज्यादा रोचक बना देती हैं।

रंपरा का हिस्सा गेरिया

होली के समय शादी की इस परंपरा में चौदस की रात्रि को गांव के मुखिया द्वारा युवाओं का एक झुंड जिसे वागड़ी की स्थानीय भाषा में गेरिया कहा जाता है। जो रात में ढोल की तान पर बजाते नाचते गाते गेरियों समूह के लड़के दो अविवाहित बालको को ढूंढ़ते है, जिनका अभी तक यज्ञोपवित संस्कार नही हुआ हो। 

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बैलगाड़ी से निकालते है निकासी

शादी की ये परंपरा पूरी रात चलती है, जिसमें सुबह बड़ी धूम धाम से दुल्हा- दुल्हन बने बच्चों को बैलगाड़ी पर बैठाकर गांव में निकासी निकाली जाती है। इस परंपरा का हिस्सा गांव के सभी लोग बनते हैं। जिसमें सभी एक-एक करके दुल्हा-दुल्हन बने दोनों बच्चों के घर उनका शक्कर और नारियल के चटख से मुहं मीठा करके बधाई देते हैं।

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