Char Dham Yatra Bharatpur: भारत में चार धाम यात्रा सनातनी लोगों के लिए प्रमुख स्थलों में से एक माना गया है। यह जगह सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। जैसे ही चार धाम यात्रा का नाम जुबां पर आता है, वैसे ही उत्तराखंड की पहाड़ियों और अनेकों जगहों का जिक्र दिमाग में चलने लगता है। लेकिन यदि आप ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ने में सक्षम नहीं हैं, तो एक बार राजस्थान के भरतपुर में चार धाम की यात्रा करने जरूर आएं। ब्रिज चौरासी परिक्रमा मार्ग और भरतपुर में भी चार धाम स्थित है।
उत्तराखंड में स्थित चार धाम की तरह ही भरतपुर में चार धाम भी काफी प्रमुख माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा नहीं कर सकते हैं, वह भरतपुर आकर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। आइए आज हम बताते हैं कि इस जगह पर केदारनाथ ,बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ क्या है ब्रिज के चारों धाम की कहानी?
श्री कृष्ण के माता-पिता ने मांगा था वरदान
राजस्थान के भरतपुर में अस्तित्व चार धाम की कहानी बहुत ही अनोखी है। कई लोगों का ऐसा मानना है कि जब श्री कृष्णा 5 साल के थे, उसी समय नंद बाबा और मैया यशोदा ने कहा था कि हम चार धाम यात्रा के लिए जाएंगे। इसके ऊपर श्री कृष्ण ने कहा कि आप वृद्धावस्था में चार धाम की यात्रा पर किस प्रकार जा पाएंगे। इसके ऊपर उन्होंने कहा कि हमने प्रण लिया था कि जब हमारा पुत्र 5 साल का हो जाएगा, तो हम चार धाम की यात्रा पर जाएंगे। इसलिए हर हाल में हमें यात्रा करनी होगी।
भगवान श्री कृष्ण ने पूरा किया था माता-पिता का वचन
नंद बाबा और माता यशोदा के कहने पर भगवान श्री कृष्ण ने यहीं पर चार धाम यात्रा करने की बात अपने माता-पिता से कही। इस वचन को पूरा करने के लिए श्री कृष्ण ने योग माया से विनती की। योग माया ने कृष्ण से कहा कि जब सभी बृजवासी आपकी ध्यान करेंगे, तो चारों धाम यही प्रकट हो जाएंगे। इसके बाद श्री कृष्ण जी करते थे कि बद्रीनाथ यहां पर गुप्त रूप से हैं। इसीलिए सब लोग बद्रीनाथ का ध्यान करें। सभी बृजवासी ने बद्रीनाथ को ध्यान में लिया और इसका योग माया ने यहां पर बद्रीनाथ की एक मूर्ति प्रकट कर दी।
दूर-देश से यहां आते हैं लोग
यहां पर आने के लिए देश-विदेश से लोग प्लान करते हैं। इस जगह को काफी शुभ और शक्तिशाली माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थल में स्थित चारों धाम के यात्रा के प्रति काफी उत्साह है।