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Mukri Mata Mandir : चामुण्डा माता को मुखरी माता के भी नाम से जाना जाता है।यह मंदिर माउंट आबू का प्रवेश द्वार हुआ करता था। कहा जाता है कि जो भी लोग इस मंदिर में माता के दर्शन करने आते हैं उनके दुख माता हर लेती है।

Mukri Mata Mandir : राजस्थान का सिरोही जिला अपने पर्यटन स्थल के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। सिरोही जिले में स्थित राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू मौजूद है, जो पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। माउंट आबू अपने प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन क्या आप जानते हैं माउंट आबू की पहाड़ी पर चामुंडा माता का मंदिर स्थित है। माउंट आबू से लगभग 12 किलोमीटर दूरी पर मंदिर स्थित है। नवरात्र के समय दूर दराज से भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।चामुण्डा माता को मुखरी माता के भी नाम से जाना जाता है। यह मंदिर माउंट आबू का प्रवेश द्वार हुआ करता था। कहा जाता है कि जो भी लोग इस मंदिर में माता के दर्शन करने आते हैं उनके दुख माता हर लेती है।

मुखरी माता के नाम से विख्यात चामुण्डा माता 

माउंट आबू की चढ़ाई आबूरोड के तलेटी से शुरू होती है। इसे माउंट आबू का प्रवेश द्वार के भी कहते हैं। माता की मूर्ति एक चट्टान पर मौजूद है जो देखने में एकदम मुख के जैसा प्रतीत होता है। इस कारण से चामुंडा माता को मुखरी माता के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अपने इलाके में बहुत विख्यात है।

मोर मोरनी की भक्ति

इस मंदिर में शाम ढलते हैं एक मोर मोरनी का जोड़ा विश्राम करने के लिए आता था। एक दिन दोनों मंदिर में मृत अवस्था में मिले। अमृत अवस्था में पड़े देखा मंदिर के पुजारी ने यह बात अपने गुरु को बताइ। तो पुजारी के गुरु ने बताया कि मोर मोरनी बहुत बड़े तपस्वी थे। मोर मोरनी की इच्छा थी कि हम अपने अंतिम समय मंदिर में ही व्यतीत करें। यह सुनने के बाद मंदिर के पुजारी सीताराम महाराज ने मोर मोरनी की समाधि वही बनवाई। यहां हर वर्ष मिला भी लगता है।

22 किलोमीटर लम्बी गुफा

मंदिर के पास ही एक 22 किलोमीटर लंबी गुफा है। यह गुफा माउंट आबू के अर्बुदा देवी के पास निकलती है। अब इस गुफा के गेट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अबू पहाड़ी की एक शिला मंदिर के ऊपर स्थित है। उसके नीचे मुख्य मंदिर है।

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