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Ekling Ji Ka Mandir : मेवाड रियासत से जुड़े राजा एकलिंग महादेव की पूजा अर्चना करते थे। वहीं महाराणा प्रताप द्वारा पूर्वजों की प्रथा निभाते हुए उदयपुर के एकलिंग महादेव मंदिर में आशीर्वाद लेकर ही युद्ध में जाते थे। आाइए जानते हैं एगलिंग जी मंदिर से जुड़ी खास बातें और दर्शन करने का सही समय।

Eking Temple Udaipur : राजस्थान में मेवाड का इतिहास सुनहरे अक्षरों में हमेशा लिखा गया है और महाराणा प्रताप की गौरवगाथा तो सबको पता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाराणा प्रताप युद्ध से पहले किसकी गाथा गाते और आराधना करते थे। मेवाड़ रियासत से जुड़े राजा एकलिंग भगवान की पूजा अर्चना करते थे।  

राजस्थान के उदयपुर से पहले कैलाशपुर में एकलिंग भगवान का बहुत ही भव्य मंदिर है, जो मेवाड राज्य के महाराणों और राजपूतो के कुल देवता एकलिंग महादेव हैं।

युद्ध से पहले महाराणा प्रताप लेते थे आशीर्वाद

मेवाड के कोई भी राजा किसी भी युद्ध से पहले एकलिंग जी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लेते थे। महाराणा प्रताप अपने पूर्वजों की यही प्रथा को आगे निभाते थे और एकलिंग जी की आशीर्वाद लेकर जाते थे।

एकलिंग भगवान का मंदिर परिसर में 108 मंदिर है। मुख्य मंदिर में शिव जी की 50 फीट की 4 सिर वाली मूर्ति स्थापित है। शिवजी के वहां नंदी महाराज का भी मंदिर मुख द्वार पर हैं। एकलिंग जी में एक शिवलिंग के सिर पर चांदी का सांप है। मंदिर के द्वार पर भगवान गणेश और कार्तिकेय बने हैं। उनकी प्रतिमा भी चांदी की ही है। साथ ही मंदिर में देवी पार्वती और भगवान गणेश और मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित है, एकलिंग भगवान के मंदिर में राणा कुंभा ने विष्णु मंदिर भी बनवा दिया।

भगवान शिव का प्रमुख मंदिर

महादेव महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत है। क्योंकि यह मंदिर भगवान शिव के 54 प्रमुख मंदिरों में से एक माना गया है। यहां हर साल शिवरात्रि पर मेले का आयोजन होता है। इसमें लाखो भक्त शामिल होते हैं, इस मंदिर के परिसर में पूजा, आरती सहित अन्य धार्मिक कार्यों को बड़े ही धूम धाम से किया जाता है।

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दर्शन करने का सही समय और टिप्स

एकलिंग भगवान के मंदिर दिन में तीन बार खुलता है। भक्त और पर्यटक सुबह 4.30 से 7 बजे तक, दोपहर में 10 बजे से 1.30 बजे तक और शाम में 5 बजे से 7.30 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। उदयपुर रेलवे स्टेशन से एकलिंग जी मंदिर की दूरी करीब 23 किलोमीटर है। उदयपुर से नाथद्वारा की तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग की मदद से आप आसानी से पहुंच सकते हैं। उदयपुर और नाथद्वारा घूमने आने वाले पर्यटक आसानी से स्कूटी किराए पर लेकर दर्शन करने जा सकते हैं।

मंदिर की पुरानी भव्यता करती है सम्मोहित

एकलिंग जी मंदिर के पास में सुविधाएं बेहतर नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्र में होने की वजह से आपको देशी परिवेश देखने को मिलेगा। मंदिर में सामान्य दिनों में ज्यादा भीड़ नहीं रहती है। भक्त और पर्यटक 10 से 15 मिनट में आसानी दर्शन कर सकते हैं। मंदिर में दर्शन के लिए कोई टिकट नहीं लगता है। जब आप मंदिर में प्रवेश करेंगे तो आपको मंदिर की भव्यता सम्मोहित कर लेगी। 

मुगलों के आक्रमण की गवाही देगा मंदिर

एकलिंग महादेव जी के मंदिर में 108 मंदिर हैं। इसके अलावा दीवारों पर भी भगवान की प्रतिमाएं बनी हुई हैं। जिनके साथ बड़े स्तर पर मुगल काल में तोड़फोड़ की गई। मंदिर की दीवारें मुगलों के आक्रमण की गवाही देंगी। मंदिर में न सिर्फ महादेव जी के दर्शन बल्कि राजस्थान की ऐतिहासिक संस्कृति भी देखने को मिलेगी। मुगलों से मंदिर को सुरक्षित रखने के लिए मेवाड़ रियासत ने बड़े स्तर पर बलिदान दिया है। ऐसे में अगर उदयपुर या नाथद्वारा आ रहे हैं तो दर्शन करने के लिए यहां जरूर आएं। 

 

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