Hanuman Jayanti 2025: राजस्थान के सीकर का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर, जिसके चमत्कार के साथ - साथ इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। इस मंदिर को देवीपुरा बालाजी के नाम से प्रसिद्ध है, यह मंदिर 450 साल पहले राम मंदिर हुआ करता था लेकिन 100 साल बाद क़रीब 350 साल पहले इस मंदिर भगवान बालाजी की प्रतिमा को स्थापित किया गया। जिसके बाद इसे देवीपुरा बालाजी मंदिर कहा जाने लगा, तो आइए आज हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में इस मंदिर के बारे में जानते हैं…
कैसे हुई थी मूर्ति की स्थापना?
किवदंती है कि साढ़े 350 साल पहले जयपुर से बालाजी महाराज की मूर्ति को बैलगाड़ी में रखकर दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। रात में लोगों ने मूर्ति को नीचे उतारकर रख दिया, जब सुबह हुई तो लोगों ने उसे उठाने का प्रयास किया तो बालाजी की प्रतिमा भगवान राम के बगल से जम गई थी। मूर्ति को जब उठाने का प्रयास किया गया तो उससे एक आवाज़ आई जो कह रही थी मुझे यहीं मेरे आराध्य के पास स्थापित कर दो। जिसके बाद सीकर के राजा देवी सिंह ने इसे यहीं स्थापित करवा दिया।
मंदिर में बना था 2700 किलो का रोट
उसके बाद साल 2023 में बालाजी महाराज को प्रसन्न करने के लिए यहां पर बालाजी महाराज को 2700 किलो का रोट चढ़ाया गया, जिसके लिए हजारों कारीगर और जेसीबी, क्रेन का उपयोग किया गया था। भोग लगाने के बाद करीब 25000 भक्तों को यह प्रसाद वितरित किया गया था। इसी अनोखे करनामे के कारण इस मंदिर का नाम गिनीज़ बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ।
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हनुमान जयंती पर होते हैं विशेष आयोजन
हनुमान जयंती के उपलक्ष्य पर मंदिर में कई विशेष आयोजन होते हैं, इन कार्यक्रमों की तैयारियां 7 दिन पहले से शुरू हो जाती है। इस दिन देश के प्रसिद्ध सिंगर यहां आकर भजनों की प्रकृति भी देते हैं, महंत के अनुसार हनुमान जयंती के दिन सीकर के प्रत्येक घर से मंदिर में बालाजी के दर्शन करने के लिए भक्त आते हैं।